जिपलाइन ऑपरेटर के 'अल्लाहु अकबर' बोलते ही आतंकियों ने पर्यटकों का बहाया खून, इस वीडियो में मिला प्रूफ
punjabkesari.in Tuesday, Apr 29, 2025 - 09:46 AM (IST)

नारी डेस्क: गुजरात के अहमदाबाद के एक पर्यटक ऋषि भट्ट, जो आतंकी हमले के दौरान जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में जिपलाइनिंग कर रहे थे ने आरोप लगाया है कि जिपलाइन ऑपरेटर ने तीन बार "अल्लाहु अकबर" चिल्लाया, जिसके बाद गोलीबारी शुरू हो गई। यह आतंकी हमला 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में लोकप्रिय पर्यटन स्थल पर हुआ था, जहां आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों को गोली मार दी थी। भट्ट का सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया था जिसमें आतंकी हमले के दौरान मची अफरा- तफरी साफ नजर आ रही थी।
Another horrific footage of #PahalgamTerroristAttack.
pic.twitter.com/WBqXRaFTHg
— Bharggav Roy 🇮🇳 (@Bharggavroy) April 28, 2025
इस वीडियो में भट्ट जिपलाइनिंग करने के लिए तैयार नजर आए, तभी पीछे खड़ेऑपरेटर ने "अल्लाहु अकबर" बोलना शुरू कर दिया। जिपलाइनिंग का आनंद ले रहे पर्यटक को नहीं पता था कि नीचे जमीन में आतंकी गोलियां बरसा रहे हैं, वह अपनी मस्ती में वीडियो बनाने में लगा हुआ था। इस वीडियो में देखा गया कि गोलियाें की आवाजें आ रही हैं और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर- उधर भाग रहे हैं। इस वीडियो में एक शख्स पर गोली लगती हुई साफ नजर आई और वह पल भर में ही ढेर हो गया।
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अहमदाबाद में अपने वायरल वीडियो के बारे में एएनआई से बात करते हुए भट्ट ने कहा कि उन्हें "कश्मीरी" ज़िपलाइन ऑपरेटर पर "संदेह" था, जिसने तीन बार 'अल्लाहु अकबर' चिल्लाया और गोलीबारी शुरू हो गई। भट्ट ने कहा- "मेरे सामने 9 लोग ज़िपलाइन कर रहे थे, लेकिन ऑपरेटर ने एक शब्द भी नहीं कहा। जब मैं स्लाइड कर रहा था, तो उसने बात की और फिर गोलीबारी शुरू हो गई। इसलिए, मुझे उस आदमी पर संदेह है। उसने तीन बार 'अल्लाहु अकबर' कहा और फिर गोलीबारी शुरू हो गई...वह एक आम कश्मीरी की तरह लग रहा था।" भट्ट ने कहा- लगभग 20 सेकंड के बाद, मुझे एहसास हुआ कि यह एक आतंकवादी हमला था...और जमीन पर लोग मारे जा रहे हैं।"
भट्ट का कहना है कि- "मैंने 5-6 लोगों को गोली लगते देखा। मैंने तुरंत अपनी बेल्ट खोली और नीचे कूद गया, अपनी पत्नी और बेटे को लेकर भागने लगा। हमने लोगों को एक जगह छिपे हुए देखा जो एक गड्ढे की तरह थी, इसलिए आप वहां किसी को आसानी से नहीं देख सकते थे। हम भी वहीं छिप गए।" उन्होंने आगे दावा किया कि हमलावरों ने लोगों को उनकी पहचान के आधार पर निशाना बनाया। भट्ट ने कहा- "मुझे पता चला कि हमसे आगे दो परिवारों के लोगों से उनका धर्म पूछा गया और मेरी पत्नी और बेटे के सामने उन्हें गोली मार दी गई। मेरी पत्नी और बेटा चिल्ला रहे थे।" भट्ट के अनुसार, गोलीबारी 8-10 मिनट तक चली, फिर कुछ देर के लिए रुकी, जिसके बाद गोलीबारी फिर से शुरू हो गई। फिर से गोलीबारी शुरू हुई और 4-5 लोगों को गोली लगी। हमारे सामने 15-16 पर्यटकों को गोली लगी।
भट्ट ने कहा- "जब हम गेट पर पहुंचे, तो हमने देखा कि स्थानीय लोग पहले ही जा चुके थे। सेना 20-25 मिनट के भीतर पहलगाम पहुंच गई। उन्होंने 18-20 मिनट के भीतर सभी पर्यटकों को कवर दे दिया... सेना द्वारा कवर दिए जाने के बाद हम सुरक्षित महसूस कर रहे थे... मैं भारतीय सेना का आभारी हूं।" पहलगाम में हमला 22 अप्रैल को बैसरन घास के मैदान में हुआ था, जहां आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया था, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद से इस क्षेत्र में सबसे घातक हमलों में से एक था, जिसमें 40 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान मारे गए थे।