कोरोना वैक्सीन पर मंडराया खतरा! दवा के असर को कम कर सकता है यह केमिकल
punjabkesari.in Monday, Nov 23, 2020 - 11:59 AM (IST)
दुनिया भर में कोरोना वैक्सीन को लेकर काम चल रहा है। सरकारों और वैक्सीन बनाने वाले कंपनियों की यही प्लानिंग है कि जल्द से जल्द वैक्सीन आम लोगों तक पहुंचाई जाई। वहीं इस बीच जहां कोरोना वैक्सीन को लेकर अच्छी खबरें सामने आ रही है तो दूसरी तरफ बहुत से हैरान करने वाली रिर्सच भी सामने आ रही है और वैक्सीन को लेकर एक ऐसा ही शोध सामने आया है।
दरअसल अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक ऐसे केमिकल के बारे में पता लगाया है जिससे वैक्सीन का असर कहीं न कहीं कम हो सकता है। वैज्ञानिकों की मानें तो रोजमर्रा में घरों में इस्तेमाल होने वाले सामानों में पाए जाने वाले इस केमिकल से वैक्सीन का प्रभाव कम हो सकता है। हालांकि इसका असर कम होगा या ज्यादा इस पर तो कुछ कहा नहीं जा सकता है लेकिन हां इससे वैक्सीन बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है। तो आईए आपको बतातें है कि इस केमिकल से आपको कितना खतरा हो सकता है।
पॉलीफ्लूरोएल्किल नाम का है केमिकल
इस केमिकल का नाम पॉलीफ्लूरोएल्किल केमिकल है जिसे PFAS भी कहा जाता है। मीडिया रिपोर्टस की मानें तो अमेरिका सहित दुनिया के बहुत से देशों के लोगों के शरीर में polyfluoroalkyl नाम के केमिकल की कुछ मात्रा पाई जाती है जिससे यह केमिकल वैक्सीन के प्रभाव को घटा सकता है। हालांकि इसका असर कितना पड़ेगा अभी इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता है।
इन चीजों में पाया जाता है केमिकल
खबरों की मानें तो यह केमिकल नॉन स्टिक पैन, वाटरप्रूफ कपड़े, पिज्जा बॉक्स आदि चीजों में पाया जाता है। इस केमिकल से लिवर के खराब होने का खतरा भी बना रहता है तो वहीं इससे फर्टिलिटी और कैंसर तक होने का खतरा भी मनुष्य पर मंडराता है।
हालांकि इस पर हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में प्रोफेसर फिलिप ग्रैंडजीन की मानें तो इस पर अभी साफ साफ तो कुछ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि अभी इस पर और रिसर्च की जरूरत है। वहीं वैज्ञानिकों की मानें तो रिसर्च में यह भी पता चला है कि जिन बच्चों के शरीर में PFAS केमिकल पाया गया उनमें टेटनस और डिप्थीरिया के वैक्सीनेशन के बाद एंटीबॉडी कम पाई गई और अगर कोरोना वैक्सीन के साथ भी ऐसा हुआ तो यह इससे वैक्सीन प्रभावित हो सकती हैं।
हालांकि इस पर अभी कुछ साफ कहा नहीं जा सकता है।