गणतंत्र दिवस 2025: 'स्वर्णिम भारत' की थीम पर होगा भव्य आयोजन, जानें क्या है इस बार खास

punjabkesari.in Saturday, Jan 25, 2025 - 01:12 PM (IST)

नारी डेस्क: हर साल 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत के संविधान की स्वीकृति और लोकतांत्रिक व्यवस्था की शुरुआत का प्रतीक है। इस साल, यानी 2025 में, भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। इस दिन, देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है और कर्तव्य पथ पर भव्य परेड आयोजित की जाती है। इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह में क्या खास होने वाला है? इसके बारे में हम यहां विस्तार से जानेंगे, साथ ही इस साल की थीम और मुख्य अतिथि के बारे में भी चर्चा करेंगे।

गणतंत्र दिवस 2025 की थीम

गणतंत्र दिवस 2025 की थीम "स्वर्णिम भारत - विरासत और विकास" है। यह थीम भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उसकी निरंतर विकास यात्रा को दर्शाती है। इस थीम के जरिए भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक प्रगति की पूरी कहानी दिखाई जाएगी, जिसमें भारत की ऐतिहासिक धरोहर और भविष्य के विकास की दिशा को भी उजागर किया जाएगा।

गणतंत्र दिवस 2025 के मुख्य अतिथि

इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो होंगे। यह गणतंत्र दिवस विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत और इंडोनेशिया के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। प्रबोवो सुबिआंतो भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए इस समारोह में शिरकत करेंगे। वे हाल ही में भारत पहुंच चुके हैं और इस ऐतिहासिक दिन का हिस्सा बनेंगे।

गणतंत्र दिवस का इतिहास

भारत को 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्रता मिली थी, लेकिन तब तक देश के पास अपना कोई संविधान नहीं था। इसके बाद भारतीय संविधान को तैयार करने के लिए एक संविधान सभा बनाई गई, जिसका नेतृत्व डॉ. भीमराव अंबेडकर ने किया। संविधान का मसौदा 4 नवंबर, 1948 को संविधान सभा में पेश किया गया था और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया।

26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान आधिकारिक रूप से लागू हुआ और उस दिन देश को "गणतंत्र" घोषित किया गया। भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने उसी दिन दिल्ली में 21 तोपों की सलामी के साथ भारतीय ध्वज फहराया और भारत को एक संप्रभु गणतंत्र घोषित किया। यह दिन भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण मोड़ था, और अब हर साल इस दिन को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है।

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गणतंत्र दिवस का महत्व

गणतंत्र दिवस का महत्व कई मायनों में है। सबसे पहले, यह हमारे संविधान और लोकतंत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के लोकतांत्रिक आदर्शों को महत्व देता है, जिनकी पुष्टि भारतीय संविधान में की गई है।

गणतंत्र दिवस का दूसरा महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह हमारे देश की सांस्कृतिक विविधता का उत्सव भी है। इस दिन विभिन्न राज्यों की झांकियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करते हैं। ये झांकियां न केवल देश की विविधता को प्रदर्शित करती हैं, बल्कि हमारी समृद्ध पारंपरिक कला, संगीत और नृत्य के रूपों को भी सामने लाती हैं।

इसके अलावा, गणतंत्र दिवस परेड कर्तव्य पथ पर आयोजित होती है, जिसमें भारतीय सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ जैसी विभिन्न सैन्य और अर्ध-सैन्य बलों की टुकड़ियाँ हिस्सा लेती हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय पुरस्कार जैसे पद्म पुरस्कारों का भी इस दिन के अवसर पर वितरण किया जाता है, जो उन व्यक्तियों को दिए जाते हैं जिन्होंने समाज और देश के लिए विशेष योगदान दिया हो।

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को भारत के संविधान के लागू होने की याद में मनाया जाता है, जो हमारे लोकतंत्र का आधार है। इस दिन हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर, लोकतांत्रिक आदर्शों और देश की प्रगति का उत्सव मनाते हैं। गणतंत्र दिवस की थीम, मुख्य अतिथि और परेड का आयोजन हर साल एक नया संदेश लेकर आता है, जो देशवासियों को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कराता है और राष्ट्र की समृद्धि की दिशा में प्रेरित करता है। 2025 में भी यह समारोह देश के लिए एक नया इतिहास रचेगा, और हम सभी मिलकर गणतंत्र दिवस को गर्व के साथ मनाएंगे।
 
 

 


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Content Editor

Priya Yadav

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