इस वजह से होता है मानसून में बार-बार बुखार, जानें कब दिखाएं डॉक्टर को
punjabkesari.in Tuesday, Jul 23, 2024 - 11:24 AM (IST)
नारी डेस्क: बरसात के मौसम में बुखार होने के विभिन्न कारण हो सकते हैं। ये मौसम ठंडा और नमी से भरा होता है, जिससे वायरल इंफेक्शनों का प्रसार अधिक होता है। वायरल इंफेक्शन जैसे कि जुकाम, सर्दी और फ्लू, बरसाती मौसम में बच्चों और वयस्कों दोनों को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, गीली और ठंडी हवा बच्चों को ज्यादा संक्रमित करने की संभावना बढ़ाती है। बरसाती मौसम में बच्चों को ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता होती है, और अगर उन्हें बुखार हो, तो उन्हें जल्दी से डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
बरसात के मौसम में बुखार होने की कुछ मुख्य वजहें शामिल हो सकती हैं, जिन्हें डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी हो सकता है:
वायरल इंफेक्शन
बरसात के मौसम में वायरल इंफेक्शनें बहुत होते हैं, जैसे की व्यू फीवर, डेंगू, चिकनगुनिया आदि। इन इंफेक्शनों के कारण अचानक बुखार हो सकता है और इसके लक्षण हो सकते हैं जैसे कि बुखार, सिरदर्द, थकान, जोड़ों में दर्द आदि।
बैक्टीरियल इंफेक्शन
बरसात के मौसम में कुछ बैक्टीरियल इंफेक्शन भी हो सकते हैं, जैसे कि टाइफाइड, बैक्टीरियल प्नेयमोनिया आदि। इन इंफेक्शनों के लिए अक्सर बुखार, साथ ही साथ सांस की समस्याएं और पेट दर्द की समस्या हो सकती है।
पानी में भीगना
बरसात के मौसम में भीगना, गंदे पानी में खेलना या गंदी जगहों में रहना संक्रमण के कारक बन सकता है, जिससे इंफेक्शन हो सकता है और बुखार उत्पन्न हो सकता है।
एलर्जी
कुछ लोगों को बरसात के मौसम में एलर्जी होती है, जैसे कि भीगे भीगे पौधे, कीटाणुओं से उत्पन्न होने वाली एलर्जी, जिससे बुखार उत्पन्न हो सकता है।
ठंडी और नमी
बरसाती मौसम में ठंडी और नमी से भी कुछ लोगों को बुखार हो सकता है, खासकर जिन्हें सांस की समस्याएं हों या जो संक्रमण पर संवेदनशील हों।
इन सभी कारणों से, बरसात के मौसम में अगर बुखार होता है तो डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी हो सकता है। डॉक्टर आपके लक्षणों का मूल्यांकन करेंगे और उचित उपचार सुझाएंगे। विशेषकर यदि बुखार के साथ अन्य लक्षण भी हैं जैसे कि सांस की समस्या, थकावट, अत्यधिक चिंता आदि।