हम इंसान हैं, कंप्यूटर नहीं" – रतन टाटा की बातें जो देती हैं जिंदगी को नई दिशा
punjabkesari.in Thursday, Oct 10, 2024 - 10:49 AM (IST)
नारी डेस्क: देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति और समाजसेवी रतन टाटा ने 9 अक्टूबर 2024 को 86 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका निधन पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है। रतन टाटा का पार्थिव शरीर कोलाबा स्थित उनके घर में रखा गया है, जहां गुरुवार शाम को नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स में आम लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद वर्ली श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है।
आइए जानते हैं रतन टाटा के प्रेरणादायक विचारों के बारे में, जो जीवन को एक नई दिशा दे सकते हैं।
हम इंसान हैं, कंप्यूटर नहीं
रतन टाटा का जीवन दर्शन बहुत सरल था। उनका मानना था कि हमें अपनी जिंदगी को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। वह कहते थे, "हम लोग इंसान हैं, कंप्यूटर नहीं। इसलिए जीवन का मजा लीजिए, इसे हमेशा गंभीर मत बनाइए।" उनका यह विचार जीवन को सजीव और खुशहाल रखने का संदेश देता है।
फैसले लेकर उन्हें सही साबित करें
रतन टाटा मानते थे कि सही फैसले लेना महत्वपूर्ण नहीं, बल्कि फैसले लेकर उन्हें सही साबित करना जरूरी है। उनके अनुसार, "मैं सही फैसले लेने में विश्वास नहीं करता। मैं फैसले लेता हूं और फिर उन्हें सही साबित कर देता हूं।" यह दृष्टिकोण हमें आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता को प्रोत्साहित करने का संदेश देता है।
सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं
कठिनाइयों को अवसर में बदलने की रतन टाटा की सलाह ने उन्हें औरों से अलग बनाया। उन्होंने कहा, "अगर लोग आप पर पत्थर मारते हैं तो उन पत्थरों का इस्तेमाल अपना महल बनाने में कर लीजिए।" यह विचार कठिनाइयों से निपटने के सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
अपनी गलतियों से सीखें
रतन टाटा ने असफलताओं को हमेशा जीवन का एक हिस्सा माना और दूसरों को अपनी गलतियों से सीखने की प्रेरणा दी। वह कहते थे, "तुम्हारी गलती सिर्फ तुम्हारी है, तुम्हारी असफलता सिर्फ तुम्हारी है। किसी को इसका दोष मत दो, अपनी इस गलती से सीखो और आगे बढ़ो।" यह विचार आत्मनिरीक्षण और विकास की ओर प्रेरित करता है।
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दोस्तों का सम्मान करें
रतन टाटा का मानना था कि मेहनत और अध्ययन करने वालों का हमेशा सम्मान होना चाहिए। वह कहते थे, "अच्छी पढ़ाई करने वालों और कड़ी मेहनत करने वालों अपने दोस्तों को कभी मत चिढ़ाओ। एक समय आएगा, जब तुम्हें उनके नीचे भी काम करना पड़ सकता है।" यह संदेश दूसरों का सम्मान करने और जीवन में विनम्रता बनाए रखने की शिक्षा देता है।
अपने गुणों की पहचान करें
हर व्यक्ति में कुछ विशेष प्रतिभा होती है, रतन टाटा का मानना था कि व्यक्ति को सफलता पाने के लिए अपने गुणों की पहचान करनी चाहिए। "हर व्यक्ति में कुछ विशेष गुण एवं प्रतिभा होती हैं, इसलिए व्यक्ति को सफलता पाने के लिए अपने गुणों की पहचान करनी चाहिए," यह संदेश आत्मविकास के लिए प्रेरित करता है।
नकल की बजाय नवाचार करें
रतन टाटा का मानना था कि नकल करने से थोड़े समय के लिए सफलता मिल सकती है, लेकिन वह जीवन में दूर तक नहीं जाएगी। "दूसरों की नकल करने वाला इंसान थोड़े समय के लिए सफलता प्राप्त कर सकता है, लेकिन वह जीवन में बहुत आगे नहीं बढ़ सकता है," यह विचार हमें सृजनात्मकता और नवाचार की ओर प्रेरित करता है।
दूर की यात्रा के लिए साथ चलें
रतन टाटा ने टीमवर्क और सहयोग की शक्ति को महत्व दिया। वह कहते थे, "अगर आप तेज चलना चाहते हैं तो अकेले चलिए, अगर आप दूर तक चलना चाहते हैं तो साथ-साथ चलिए।" यह संदेश सामाजिक और व्यावसायिक जीवन में सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर देता है।
जीवन को नए ढंग से जीने का अवसर
रतन टाटा ने जीवन को दोबारा जीने के बारे में विचार किया, लेकिन उन्होंने कभी पछतावा नहीं किया। वह कहते थे, "ऐसी कई चीजें हैं, जो अगर मुझे दोबारा जीने का मौका मिले तो शायद मैं अलग ढंग से करूंगा। लेकिन मैं पीछे मुड़कर यह नहीं देखना चाहूंगा कि मैं क्या नहीं कर पाया।" यह विचार भविष्य की ओर देखने और सकारात्मक बने रहने की प्रेरणा देता है।
देशभर में शोक की लहर
रतन टाटा के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत तमाम नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया। उद्योग जगत से लेकर आम जनता तक हर कोई इस महान शख्सियत को याद कर रहा है। उनके निधन के बाद कई राज्यों में राजकीय अवकाश का ऐलान किया गया है।