फेफड़े रहेंगे पूरी उम्र जवान, 1 आसन जो आपको रखेगा फिट

punjabkesari.in Tuesday, Jun 02, 2020 - 02:38 PM (IST)

हेल्दी डाइट और हर रोज योग उम्र भर फिट रहने का आसान तरीका है। योग करने से आप मानसिक और शारीरिक दोनों तल पर खुद को मजबूत महसूस करते हैं। भुजंगासन भी योग का ही एक हिस्सा है। इस आसन को जमीन पर उल्टा लेटकर किया जाता है। आइए जानते हैं भुजंगासन करने से शरीर को मिलने वाले लाभ और इस आसन को करने का आसान तरीका...

 

पेट के लिए फायदेमंद

भुजंगासन को अंग्रेजी में Cobra पोज कहा जाता है। इस आसन को करने से पेट को कई लाभ मिलते हैं। भुजंगासन करने से पेट की मसल्स स्ट्रेच होते हैं, जिस वजह से लोअर एब्डोमेन से जुड़ी परेशानियों से व्यक्ति को राहत मिलती है। पेट की चर्बी घटाने में भी यह आसन बेहद फायदेमंद होता है। 

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पीठ के लिए लाभदायक

भुजंगासन करने से पीठ की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। स्पाइन, ग्लूटियल मसल्स, आर्म्स, कंधे और जांघे मजबूत बनती हैं। खासतौर पर जिन औरतों के पीठ में दर्द रहती है, उन्हें इस आसन का अभ्यास हर रोज करना चाहिए। लंबे समय तक बैठे रहने से पीठ की मांसपेशियां अकड़ और सुकड़ जाती है, जिस वजह से बैठे-बैठे भी कुछ लोगों को पीठ में दर्द रहती है। ऐसे में खासतौर पर सारा दिन कुर्सी पर बैठकर काम करने वालों को हर रोज सुबह यह आसन जरूर करना चाहिए।

फेफड़ो को पहुंचाए फायदा

यह आसन पेफड़ों के लिए फायदेमंद होता है, इसे करने से फेफड़े खुलकर सांस लेते हैं। खुली हवा में यह आसन करने से फेफड़े खुलकर सांस लेते हैं। आसन करते वक्त सीने की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है, जिस वजह से अस्थमा पेशेंट्स की सांस प्रणाली में जमा इंफेक्शन अपनी जगह से हिलती है और उन्हें सांस लेने में आसानी होती है। 

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मूड करे ठीक

आप इस आसन को खाने से 30 मिनट पहले या फिर खाने के 2 घंटे बाद कभी भी कर सकते हैं। इसे करने से आपका स्ट्रेस लेवल कम होता है, आप तरोताजा महसूस करते हैं। हर रोज सुबह इसे करने से आपको स्ट्रेस होता ही नहीं या फिर आप तनाव कम महसूस करते हैं।

ग्लोइंग स्किन

भुजंगासन चेहरे पर रौनक लाने में मदद करता है। इस पोजिशन में सांस लेने से शरीर के टॉक्सिंस हवा के जरिए शरीर से बाहर निकलते हैं। जिससे स्किन हेल्दी और ग्लोइंग बनती है। 

रिमूव होते हैं। 

भुजंगासन करने का तरीका...

-जमीन पर कपड़ा बिछाकर उल्टा लेट जाएं।
-अपने हाथों को सिर के पास कंधों के लेवल पर लाकर जमीन पर टिकाएं।
-धीरे-धीरे सांस अंदर भरते हुए ऊपर की तरफ उठें।
-जितनी देर हो सके सांस रोके रहें, फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए जमीन की तरफ आ जाएं।
-ऐसा शुरूआत में 2 से 3 बार करें। 
-शुरुआत में थोड़ी मुश्किल आएगी, बाजू में दर्द भी होगा, मगर हर रोज अभ्यास करने से सब ठीक हो जाएगा।

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कुछ सावधानियां

-गर्भवती महिलाओं, हर्निया और अल्सर से पीड़ित लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए। 
-जिन लोगों का पेट का ऑपरेशन हुआ है, वह इस आसन को 3-4 महीने तक न करें।
-सही वक्त और खाली पेट ही इस आसन को करें।  
-्अगर पीठ में दर्द किसी चोट या अन्य वजह से है, तब भी यह आसन न करें।
 


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Content Writer

Harpreet

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