दिल्ली-NCR Pollution के बीच हो रही इस विटामिन की कमी, दिक्कत से पहले ही करें बचाव

punjabkesari.in Friday, Nov 28, 2025 - 03:03 PM (IST)

नारी डेस्क : दिल्ली-NCR में स्मॉग और प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसकी वजह से धूप सही तरह से जमीन तक नहीं पहुंच पा रही है। हवा में फैली धूल, धुआं और जहरीले कण UVB किरणों को ब्लॉक कर देते हैं, जिससे शरीर तक सूरज की वह ऊर्जा नहीं पहुंच पाती जो विटामिन D बनाने के लिए सबसे जरूरी होती है। यही कारण है कि इस क्षेत्र के लोगों में विटामिन D की कमी तेजी से बढ़ रही है।

क्यों हो रही है विटामिन D की कमी?

दिल्ली-NCR में प्रदूषण और घनी धुंध के कारण सर्दियों में सूरज की रोशनी बेहद कमजोर पड़ जाती है। खासकर नवंबर से जनवरी तक UVB किरणें त्वचा तक पहुंच ही नहीं पातीं, क्योंकि हवा में मौजूद PM 2.5 और PM 10 जैसे कण उन्हें जमीन तक आने से रोक देते हैं। इसके साथ ही लोग ऑफिस और बंद कमरों में अधिक समय बिताते हैं, धूप में बैठने की आदत कम होती जा रही है और सर्दियों में सूरज का समय भी घट जाता है। यही वजह है कि शरीर प्राकृतिक रूप से पर्याप्त विटामिन D नहीं बना पाता।

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एक्सपर्ट क्या कहते हैं?

हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस मौसम में केवल धूप से पर्याप्त विटामिन D मिल पाना मुश्किल हो जाता है, इसलिए कई लोगों के लिए सप्लीमेंट्स लेना जरूरी हो सकता है। उनके अनुसार, बड़े लोगों के लिए रोज़ाना लगभग 2000 IU, टीनएजर्स के लिए 1000 IU और बच्चों के लिए 600–1000 IU विटामिन D की मात्रा उपयुक्त मानी जाती है, लेकिन यह भी जरूरी है कि सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ली जाए ताकि जरूरत से ज्यादा लेने से होने वाले नुकसान से बचा जा सके।

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भारत में कितनी बड़ी समस्या?

ICRIER और Anvka Foundation की रिपोर्ट के अनुसार।
हर 5 में से 1 भारतीय में विटामिन D की कमी
देश के पूर्वी राज्यों में यह समस्या सबसे ज्यादा (करीब 39%)
शहरों में कमी का खतरा गांवों के मुकाबले अधिक, क्योंकि लोग प्राकृतिक धूप से दूर रहते हैं।

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विटामिन D की कमी के लक्षण

अगर आपके शरीर में विटामिन D कम है, तो ये संकेत दिखाई दे सकते हैं।
हड्डियों और पीठ में दर्द और लगातार थकान रहना।
बार-बार सर्दी-जुकाम और मांसपेशियों में कमजोरी होना।
मूड में बदलाव या डिप्रेशन में होना।
घाव का देर से भरना और बच्चों में हड्डियों का कमजोर विकास होना।

ज्यादा मात्रा लेना भी नुकसानदेह

विटामिन D सप्लीमेंट्स जरूरत से ज्यादा लेने पर शरीर में हाइपरकैल्सीमिया की समस्या हो सकती है, जिससे कमजोरी, बार-बार पेशाब आना और किडनी स्टोन जैसे खतरे बढ़ जाते हैं। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह खुद से हाई डोज लेना सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

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कैसे बचें विटामिन D की कमी से?

रोज 15–20 मिनट सुबह की धूप जरूर लें और खानपान में शामिल करें:
दूध और डेयरी प्रोडक्ट
अंडे की जर्दी
फैटी फिश (सामन, टूना)
मशरूम
प्रदूषण भरे समय में मास्क का इस्तेमाल करें
जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट लें
बच्चों और बुजुर्गों को धूप में समय बिताने के लिए प्रेरित करें।

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दिल्ली-NCR में बढ़ता प्रदूषण सिर्फ सांस और फेफड़ों को ही नहीं, बल्कि विटामिन D स्तर को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है। सही समय पर सावधानी न बरती गई तो आगे चलकर हड्डियों और इम्युनिटी से जुड़ी बड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। समय रहते धूप, सही आहार और मेडिकल सलाह आपकी सेहत को सुरक्षित रख सकती है।
 


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Content Editor

Monika

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