घर में आए ब्राह्मण को कभी न परोसें एक साथ तीन रोटी, वरना पितर हो जाएंगे नाराज

punjabkesari.in Monday, Sep 08, 2025 - 06:16 PM (IST)

नारी डेस्क: पितृ पक्ष में ब्राह्मणों को भोजन कराना बहुत शुभ माना गया है। मान्यता है कि ब्राह्मण, पितरों का ही स्वरूप माने जाते हैं और उन्हें भोजन कराने से पितर तृप्त होकर आशीर्वाद देते हैं। लेकिन इसके भी कुछ खास नियम और परंपराएं हैं। चलिए जानते हैं पितृ पक्ष में ब्राह्मणों को भोजन करवाने के क्या है सही नियम

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तीन रोटी न दें

ब्राह्मणों को कभी भी एक साथ तीन रोटी नहीं दी जाती क्योंकि तीन रोटियों की थाली को पितरों का प्रसाद माना जाता है।  थाली में 3 रोटी तब रखी जाती है जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। उस व्यक्ति के त्रयोदशी संस्कार से पहले उसके नाम की थाली लगाई जाती है, उस दौरान 3 रोटियां रखी जाती हैं। यहीं कारण हैं कि जीवित व्यक्ति की थाली में तीन रोटी नहीं रखी जाती।


तीन तिगाड़ा,काम बिगाड़ा

कई मान्यताओं के अनुसार, यह भी कहा जाता है कि थाली में तीन रोटी एक साथ रखकर खाने से व्यक्ति के मन में दूसरों के लिए शत्रुता का भाव उत्पन्न हो जाता है। इसलिए यह कहावत भी प्रचलित है कि “तीन तिगाड़ा,काम बिगाड़ा”। इसका मतलब है कि जहां तीन लोग इकट्ठे हो जाते हैं वहां काम बिगड़ना निश्चित है।

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सात्विक भोजन ही कराएं

ब्राह्मणों को खिलाए जाने वाला भोजन पूरी तरह सात्विक होना चाहिए – दाल, चावल, सब्जी, खीर, पूड़ी या रोटी। इसमें प्याज, लहसुन, मांस, शराब या तामसिक चीजें नहीं होनी चाहिए। कोशिश करें कि श्राद्ध का भोजन दोपहर से पहले या सूर्यास्त से पहले ब्राह्मण को करा दिया जाए।


दान और दक्षिणा देना जरूरी है

भोजन कराने के बाद ब्राह्मण को दक्षिणा, वस्त्र (धोती, अंगोछा), और जरूरत का सामान देना चाहिए। श्राद्ध के दिन घर में शुद्ध वातावरण रखें। ब्राह्मण को भोजन कराते समय बर्तन और स्थान साफ-सुथरे होने चाहिए।  पहले पितरों के लिए तर्पण या जलांजलि दें, फिर ब्राह्मणों को भोजन कराएँ।


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vasudha

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