Periods में ये बदलाव बच्चेदानी के Cancer होने का बड़ा संकेत, शुरु में ही पकड़ें बीमारी
punjabkesari.in Friday, Dec 05, 2025 - 07:26 PM (IST)
नारी डेस्कः महिलाओं में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले कैंसरों में बच्चेदानी का कैंसर (Uterine Cancer/Endometrial Cancer) भी शामिल है। इसकी शुरुआत अक्सर ऐसे संकेतों से होती है जिन्हें महिलाएं सामान्य पीरियड समस्या समझकर नजरअंदाज कर देती हैं जबकि पीरियड्स में आने वाले कुछ खास बदलाव शुरुआती चेतावनी हो सकते हैं। समय रहते इन संकेतों पर ध्यान देने और सही जांच कराने से इस कैंसर को शुरुआती स्टेज में ही रोका या नियंत्रित किया जा सकता है इसलिए यह समझना बेहद ज़रूरी है कि पीरियड्स में कौन-से बदलाव खतरनाक संकेत होते हैं, किन लक्षणों को गंभीरता से लेना चाहिए और बचाव के लिए कौन-सी सावधानियां जरूरी हैं।

बच्चेदानी में कैंसर की शुरुआत: पीरियड्स में दिखते हैं ये खतरनाक बदलाव
बहुत ज्यादा ब्लीडिंग (Heavy Bleeding)
यदि हर महीने पीरियड्स में खून सामान्य से कहीं अधिक आ रहा हो, पैड एक-दो घंटे में ही भर जाए या लगातार कई दिन तक ज्यादा ब्लीडिंग हो- तो यह गर्भाशय की परत (Endometrium) में होने वाले बदलाव का शुरुआती संकेत हो सकता है।
पीरियड्स का लंबा चलना (Prolonged Periods)
जब माहवारी 7 दिन से ज्यादा चले, दो हफ्तों तक रुक-रुककर चले या बार-बार स्पॉटिंग होती रहे तो यह हार्मोनल बदलाव के साथ-साथ कैंसर की ओर इशारा कर सकता है।
पीरियड्स के बीच में रक्तस्राव (Intermenstrual Bleeding)
पीरियड्स खत्म होने के बाद फिर से ब्लीडिंग होना या पीरियड आने से पहले हल्का या ज्यादा खून आना, गर्भाशय की परत में गड़बड़ी और कैंसर का संकेत हो सकता है।
मेनोपॉज़ के बाद रक्तस्राव (Postmenopausal Bleeding)
महिला का मेनोपॉज़ हो चुका है, उसे किसी भी तरह की ब्लीडिंग नहीं होनी चाहिए। अगर मेनोपॉज़ के बाद भी खून आता है—even हल्का—तो यह बच्चेदानी कैंसर का सबसे बड़ा अलार्म है।
पीरियड्स में असहनीय दर्द (Severe Pelvic Pain)
अगर दर्द सामान्य से कहीं ज्यादा होने लगे या पीरियड्स के अलावा भी नीचे के पेट, कमर या पेल्विक एरिया में लगातार दर्द बना रहे तो यह गर्भाशय में गठानें या कैंसर का संकेत हो सकता है।
पीरियड्स का अचानक अनियमित होना (Irregular Cycles)
कभी 20 दिन में, कभी 40–45 दिनों में पीरियड्स आना या महीनों तक पीरियड्स गायब रहना। एंडोमेट्रियल मोटाई बढ़ने और कैंसर की शुरुआती संभावना दिखा सकते हैं।
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बच्चेदानी कैंसर से बचाव: क्या करें?
1. वजन नियंत्रित रखें
मोटापा एंडोमेट्रियल कैंसर का सबसे बड़ा कारण है क्योंकि शरीर में एस्ट्रोजन ज्यादा बनने लगता है।
2. नियमित पीरियड्स पर नजर रखें
कैलेंडर या ऐप में हर महीने के बदलाव नोट करें।किसी भी असमान्यता पर डॉक्टर को दिखाएं।
3. 40 के बाद साल में एक बार महिला स्वास्थ्य जांच
अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) और पेल्विक एग्जाम (Pelvic Exam) एंडोमेट्रियल थिकनेस रिपोर्ट आवश्यक है।
4. डायबिटीज और BP को नियंत्रण में रखें
इन दोनों बीमारियों से गर्भाशय कैंसर का खतरा बढ़ता है।
5. हार्मोनल दवाएं डॉक्टर की सलाह से ही लें
बिना सलाह के पिल्स लेना या हार्मोन ट्रीटमेंट अपनाना जोखिम बढ़ा सकता है।
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जरूरी सावधानियां
मेनोपॉज़ के बाद किसी भी तरह की ब्लीडिंग को नजरअंदाज न करें। यह सबसे गंभीर संकेत होता है।
अगर हर महीने दर्द और ब्लीडिंग बढ़ रही है तो तुरंत जांच कराएं।
पेशाब में दर्द, सेक्स के दौरान दर्द या थकान बढ़ना भी संकेत हो सकता है।
स्वयं इलाज या घरेलू नुस्खों पर भरोसा करके देरी न करें।
2–3 महीनों तक पीरियड्स अनियमित हों तो एक बार अल्ट्रासाउंड जरूर करवाएं।
याद रखने वाली सबसे बड़ी बात
महिलाओं के शरीर में होने वाला हर छोटा-बड़ा बदलाव एक तरह का संकेत होता है, जिसे समय रहते समझना बहुत जरूरी है। खासकर पीरियड्स में आने वाले बदलाव कई बार बच्चेदानी में शुरू होने वाली गंभीर बीमारियों की ओर इशारा करते हैं। बच्चेदानी का कैंसर भी अक्सर ऐसे ही हल्के-फुल्के, लेकिन लगातार होने वाले पीरियड बदलावों से शुरू होता है, जिन्हें महिलाएं सामान्य माहवारी समस्या समझकर नजरअंदाज कर देती हैं। जबकि सच यह है कि समय रहते इन संकेतों को पहचानकर इलाज शुरू कर दिया जाए, तो कैंसर को शुरुआती स्टेज में ही रोका या नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिए पीरियड्स में होने वाले ऐसे बदलावों को जानना बेहद जरूरी है जो बच्चेदानी में शुरू हो रहे कैंसर का पहला चेतावनी संकेत हो सकते हैं।

