लोगों से बात करने में हिचकिचाते हैं बच्चे तो पेरेंट्स इस तरह सुधारें उनका Anti Social Behaviour
punjabkesari.in Saturday, Mar 18, 2023 - 03:05 PM (IST)
हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चों की परवरिश अच्छे से हो। इसके लिए वह अपना हर संभव प्रयास करते हैं परंतु फिर भी उसका स्वभाव नहीं बदल सकते। क्योंकि हर किसी बच्चे का स्वभाव अलग होता है। कई बच्चे तो लोगों के साथ मिलना, बात करना पसंद नहीं करते। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चे के स्वभाव को बदलना चाहिए। बच्चे के किसी से बात न करना, एंटी सोशल बिहेवियर के नाम से जाना जाता है। तो चलिए आपको बताते हैं कि बच्चे में एंटी सोशल बिहेवियर के क्या कारण होते हैं...
एंटी बिहेवियर के लक्षण
. लोगों से बात नहीं करना
. झूठ बोलते रहना और गुस्सा करना
. लोगों के प्रति अपमानजनक व्यवहार दिखाना
. हिंसक व्यवहार करना
. चीजों को तोड़ना फोड़ना नुकसान पहुंचाना
क्यों होता है बच्चे का ऐसा स्वभाव?
यदि बच्चे हर समय गुस्से में रहते हैं तो इसका अर्थ है कि उनका बर्ताव एंटी सोशल है। ऐसे में आप उनके इस तरह के व्यवहार को बदलें। ऐसा व्यवहार बच्चे में किसी भी उम्र में हो सकता है। माता-पिता के ज्यादा गुस्सैल स्वभाव के कारण, माता-पिता यदि एक-दूसरे का सम्मान न करते हों, स्कूल के आस-पास का वातावरण अच्छा न होने के कारण, बच्चे को मन में लोगों के प्रति किसी बात का डर होने के कारण, कॉन्फिडेंस की कमी के कारण, परिवार और रिश्तेदारों का यदि बच्चे के प्रति व्यवहार अच्छा न हो तो भी बच्चे एंटी सोशल बिहेवियर का शिकार हो सकते हैं।
कैसे ठीक करें बच्चे का ऐसा स्वभाव?
बच्चों के ऐसे व्यवहार को ठीक करने के लिए माता-पिता टीचर्स से मिलकर बात करें। यदि बच्चे का व्यवहार अच्छा नहीं लग रहा तो उस पर ध्यान दें। बच्चे की काउंसलिंग करवाएं। साइकोलॉजिस्ट की आप सहायता ले सकते हैं। घर पर बच्चे को ओपन होने के तरीके बताएं। साथ मिलकर चीजें खाना शेयर करके चीजें खाना जैसी आदतें आप बच्चों को डाल सकते हैं। इसके अलावा उन्हें किसी पब्लिक प्लेस में लेकर जाएं। फैमिली ट्रिप या फिर पिकनिक आप प्लान कर सकते हैं। बच्चे के सामने लड़ाई और गुस्सा न करें। यदि आप बच्चे के सामने हिंसक और गुस्सैल होंगे तो वह खुद को दुनिया से भी दूर रखेंगे।