पैरों में दर्द है खतरे की घंटी, इसे हल्के में लेकर ना बनो अपनी जान के दुश्मन
punjabkesari.in Monday, Nov 24, 2025 - 10:11 AM (IST)
नारी डेस्क: अगर पैरों में बार-बार दर्द, झुनझुनाहट, सुन्नपन या भारीपन महसूस होता है, तो यह सिर्फ थकान नहीं बल्कि खून के बहाव (blood flow) में कमी का संकेत भी हो सकता है। इसे अनदेखा करना आगे चलकर गंभीर वेस्कुलर (रक्त वाहिकाओं से जुड़ी) समस्याओं का कारण बन सकता है। वेस्कुलर सर्जन के अनुसार, पैरों में लगातार दर्द निम्न समस्याओं का संकेत हो सकता है
यह भी पढ़ें: वर्दी पहन पत्नी ने शहीद पायलट को किया आखिरी सैल्यूट
परिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD)
यह पैरों में दर्द का सबसे बड़ा कारण है। पैरों की नसों (arteries) में प्लाक जम जाता है, ब्लड फ्लो कम हो जाता है। चलते समय पिंडली या पैर में तेज दर्द, आराम करने पर ठीक होना – इसका मुख्य लक्षण है। समय पर इलाज न हो तो पैर तक खून पहुंचना बंद भी हो सकता है।
ब्लड क्लॉट (रक्त का थक्का)
पैर की नस में बनने वाला रक्त का थक्का खतरनाक हो सकता है। पैरों में सूजन, दर्द, गर्माहट, लाल या नीले रंग का बदलाव यह डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT) हो सकता है, जो जानलेवा भी बन सकता है। जब पैरों की नसें कमजोर होकर उभरने लगती हैं, तो दर्द, भारीपन और जलन महसूस होती है।यह बताता है कि खून ठीक से ऊपर की तरफ नहीं जा रहा।
डायबिटिक न्यूरोपैथी
शुगर ज्यादा होने पर नसें कमजोर होने लगती हैं। झनझनाहट, जलन, सुन्नपन पैरों में लगातार दर्द का बड़ा कारण है। सर्दियों में या लंबे समय तक बैठने से पैरों में रक्त प्रवाह कमजोर हो जाता है। ठंडापन, क्रैम्प, सुन्नपन, भारीपन यह भी पूरे शरीर के vascular health की चेतावनी हो सकती है।
यह भी पढ़ें: माैमस ने ली करवट! बढ़ती ठंड के बीच तेज हवाओं के साथ होगी बारिश
पैर की नस ब्लॉक होना
इसमें पैरों में तेज दर्द, चलने में दिक्कत और उंगलियों में रंग बदलना शामिल है। यह स्थिति तत्काल जांच मांगती है। अगर पैरों में घाव जो भर नहीं रहा, पैर का ठंडा होना, त्वचा का फीका, नीला या लाल पड़ना, आराम के बाद भी दर्द न जाना इन सब को हल्के में ना लें।
लगातार पैर दर्द को कम करने का 1 Simple Hack
“लेग एलेवेशन” (Leg Elevation) – पैर ऊपर उठाकर आराम करें, वेस्कुलर सर्जन के अनुसार, यह सबसे आसान और असरदार तरीका है। इसके लिए रोज़ 10–15 मिनट के लिए पैरों को दिल के स्तर से ऊपर उठाकर लेटें पैरों के नीचे 2–3 तकिए रख लें या दीवार पर पैर टिकाकर लेटें, इससे पैरों की सूजन और दर्द कम होता है, खून का बहाव बेहतर होता है और नसों पर पड़ने वाला दबाव घटता है। यह उपाय लंबे समय तक खड़े रहने वालों के लिए, जिनकी जॉब बैठकर करने वाली है या जिनको वैरिकोस वेन्स या सूजन की समस्या है उनके लिए काफी फायदेमंद है।
पैरों का दर्द कम करने के अन्य ज़रूरी उपाय
-रोज़ाना 20–30 मिनट वॉक करने से रक्त संचार सबसे तेजी से सुधरता है।
-पैरों की तेल या मॉइस्चराइज़र से सर्कुलर मोशन में मसाज करें।
- बहुत टाइट कपड़े या सॉक्स न पहनें, ये खून बहने का रास्ता रोकते हैं।
-पानी ज्यादा पिएं इससे खून पतला रहेगा और थक्का बनने का खतरा कम होगा।
-डायबिटीज, BP और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रखें ये सभी पैरों की नसों पर सीधे प्रभाव डालते हैं।
तुरंत डॉक्टर को कब दिखाएं?
जब पैर नीले या बहुत ठंडे लगें। अगर सूजन बढ़ रही है तो डॉक्टर को दिखाने में देर ना करें। दर्द चलते-चलते रुकने पर बढ़ जाना भी खतरनाक है। पैरों के घाव अगर जल्दी नहीं भर रहे हैं तो डॉकटर को दिखाना जरूरी है। नस उभरी या कठोर लगे तो इसे हल्के में ना लें।

