पैर पर पैर रखकर सोने से घटती है आयु? जानिए क्या है सच

punjabkesari.in Thursday, Nov 13, 2025 - 05:45 PM (IST)

नारी डेसेक : हिंदू धर्म में हमारी कई आदतों और दिनचर्या के नियमों का गहरा संबंध धर्म, संस्कृति और ऊर्जा संतुलन से होता है। इन्हीं में से एक आदत है पैर पर पैर रखकर सोना या बैठना। बहुत से लोग इसे सामान्य बात समझते हैं, लेकिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से यह एक अशुभ मुद्रा मानी जाती है। आइए जानते हैं कि आखिर क्यों त्रिभंगी अवस्था या पैर पर पैर रखकर सोना गलत कहा गया है।

पैर पर पैर रखकर सोना क्यों माना जाता है अशुभ?

शास्त्रों में कहा गया है कि शरीर की हर मुद्रा हमारे विचारों और ऊर्जा प्रवाह को प्रभावित करती है। जब व्यक्ति पैर पर पैर रखकर बैठता या सोता है, तो शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बाधित होता है। इस स्थिति में रक्त संचार पूरी तरह सही नहीं रहता, जिससे आलस्य, थकान और मानसिक तनाव बढ़ सकता है। यही कारण है कि योगशास्त्र और धर्म दोनों ही इस मुद्रा से बचने की सलाह देते हैं।

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पौराणिक कथा: श्रीकृष्ण की त्रिभंगी मुद्रा का रहस्य

भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी एक कथा इस मान्यता की जड़ मानी जाती है। कहा जाता है कि श्रीकृष्ण के पैर में एक मणि जड़ी हुई थी जो अत्यंत चमकदार थी। एक दिन वे त्रिभंगी मुद्रा में — यानी पैर पर पैर रखकर विश्राम कर रहे थे। उसी समय एक बहेलिए ने उनके चमकते हुए पैर को हिरण की आंख समझ लिया और उस पर तीर चला दिया। तीर लगने से श्रीकृष्ण ने बैकुंठ धाम की यात्रा की। तभी से यह माना जाने लगा कि पैर पर पैर रखकर बैठना या सोना आयु में कमी का कारण बन सकता है।

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शास्त्रीय मान्यता: लक्ष्मी का अनादर

हिंदू धर्मग्रंथों में कहा गया है कि पैर पर पैर चढ़ाकर बैठना या सोना, मां लक्ष्मी का अनादर माना जाता है। यह मुद्रा आलस्य और अहंकार का प्रतीक मानी जाती है। इस आदत से व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता, आर्थिक तंगी और सौभाग्य की हानि हो सकती है। इसलिए घर के बड़े-बुजुर्ग अक्सर समझाते हैं कि “पैर पर पैर रखकर मत बैठो या मत सोओ” — इसका अर्थ सिर्फ संस्कार नहीं, बल्कि ऊर्जा और समृद्धि का संरक्षण भी है।

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ज्योतिष के अनुसार पैर पर पैर रखकर सोने का प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोना अशुभ होता है, क्योंकि यह यम दिशा मानी जाती है। अगर कोई व्यक्ति दक्षिण दिशा में पैर रखकर और पैर पर पैर चढ़ाकर सोता है, तो उसे बुरे सपने, बेचैनी और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके बजाय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर सिर रखकर सोना शुभ माना गया है। इससे ऊर्जा संतुलित रहती है और मानसिक शांति मिलती है।

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वैज्ञानिक दृष्टि से भी क्यों नहीं रखनी चाहिए पैर पर पैर

धार्मिक कारणों के साथ-साथ विज्ञान भी पैर पर पैर रखकर बैठने या सोने की आदत को गलत मानता है। ऐसा करने से शरीर के निचले हिस्से में रक्त प्रवाह बाधित होता है और नसों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। लंबे समय तक पैर पर पैर रखने से ब्लड सर्कुलेशन असंतुलित हो जाता है। इससे पैरों में सुन्नपन, सूजन या झनझनाहट जैसी समस्या हो सकती है। घुटनों, टखनों और जांघों में दर्द की शिकायत बढ़ जाती है। लंबे समय में यह आदत Varicose Veins जैसी गंभीर समस्या का कारण भी बन सकती है, जिसमें पैरों की नसें उभर आती हैं और उनमें दर्द रहने लगता है।

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कैसे सोना चाहिए 

सोते समय पैर सीधे और बिना चढ़ाए रखें।
सिर पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए।
उत्तर दिशा की ओर पैर करके सोना अशुभ माना गया है।
सोने से पहले थोड़ी देर ध्यान या प्रार्थना करें, जिससे मन शांत रहे।
बिस्तर पर पैर मोड़कर या टेढ़े रखकर सोने से बचें।

इसलिए वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दोनों दृष्टियों से, यह मुद्रा शरीर के स्वास्थ्य और ऊर्जा संतुलन के लिए हानिकारक मानी जाती है। बेहतर होगा कि आप इस आदत से बचें और शरीर को आरामदायक, सीधी स्थिति में रखें।
 


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Content Editor

Monika

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