"ना पुलिस थी, ना सेना अकेले लड़ा मेरा पति,पाहलगाम हमले में शहीद शुभम द्विवेदी की पत्नी का भावुक बयान
punjabkesari.in Sunday, Apr 27, 2025 - 11:54 AM (IST)

नारी डेस्क: पाहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के निवासी शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशन्या ने शनिवार को सरकार से अपने पति को शहीद का दर्जा देने की मांग की। ऐशन्या ने कहा कि उन्हें सरकार से और कोई चीज़ नहीं चाहिए, सिर्फ अपने पति को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए, क्योंकि उनके पति ने अपनी जान देकर कई लोगों की जान बचाई थी।
ऐशन्या का भावुक बयान
पत्रकारों से बातचीत में ऐशन्या ने कहा, "पहली गोली मेरे पति को लगी थी और उसके बाद आतंकवादियों ने हमसे पूछा कि हम हिंदू हैं या मुसलमान। इस दौरान कई लोग अपनी जान बचाकर भागने में सफल हुए।" उन्होंने कहा, "अगर सरकार मेरी मांग को स्वीकार करती है तो मुझे जीने का एक मकसद मिल जाएगा। शुभम ने खुद को हिंदू बताकर अपनी जान कुर्बान की और इस दौरान उसने कई लोगों की जान बचाई।"
हमलावरों से मुलाकात का अनुभव
ऐशन्या ने 22 अप्रैल की घटना को याद करते हुए बताया, "जब आतंकवादी हमारे पास आए और हमसे हमारे धर्म के बारे में पूछा, तो मुझे लगा कि वे मजाक कर रहे हैं। मैं पीछे मुड़ी और हंसी में उनसे पूछा कि क्या है। फिर उन्होंने अपना सवाल दोहराया और जैसे ही मैंने कहा कि हम हिंदू हैं, एक गोली चल गई और मेरे सामने शुभम का चेहरा खून से सना हुआ था। मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि क्या हुआ था।"
उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने आतंकवादियों से कहा कि उन्हें भी गोली मार दी जाए, लेकिन आतंकवादियों ने उन्हें मना कर दिया और कहा कि वे उसे जीवित छोड़ रहे हैं ताकि वह जाकर सरकार को बता सके कि उन्होंने क्या किया।
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सुरक्षा की कमी पर सवाल
शुभम के पिता संजय द्विवेदी ने भी इस घटना पर चिंता जताते हुए कहा कि हमले के वक्त वहां कोई सुरक्षा नहीं थी। न तो पुलिसकर्मी थे, न ही सेना के जवान, और यहां तक कि सुरक्षा गार्ड भी मौजूद नहीं थे। उन्होंने कहा कि करीब एक घंटे बाद सेना के जवानों ने पूरे इलाके को अपने नियंत्रण में लिया।
इस प्रकार, शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशन्या ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए उनके पति की शहादत को सम्मानित करने की अपील की है, और कहा कि उनकी जान की क़ीमत उन सैकड़ों लोगों की जान बचाने में है जो उस दिन उस हमले से बच पाए।