फैक्ट: भारत में महिला पायलटों की संख्या 10 फीसदी, दुनिया में 2 फीसदी

punjabkesari.in Sunday, Jan 17, 2021 - 03:16 PM (IST)

दुनियाभर में महिला पायलटों का औसत 2 से 3 फीसदी है। जबकि भारत में महिला पायलटों की हिस्सेदारी 10 फीसदी से ज्यादा रही है। महिला पायलटों की नियुक्ति की बात करें तो 1980 के दशक के मध्य और 2005 से भारतीय एयरलाइंस कंपनियों में महिला पायलटों की संख्या में वृद्धि देखने को मिली है। साल 2005 से ही भारत में कई प्राइवेट एयरलाइंस कंपनियों ने अपनी सेवाएं शुरू की। 

पहली लड़ाकू विमान महिला पायलट

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देश की तीन बेटियों ने पहली लड़ाकू विमान पायलट के रुप में कीर्तिमान रचा था। इनमें मध्यप्रदेश से फ्लाइट लैफ्टिनैंट अवनी चतुर्वेदी और उनकी दो सहकर्मी, राजस्थान से मोहना सिंह जीतवाल और बिहार से भावना कंठ शामिल थीं। साल 2018 में अवनी को फ्लाइट लैफ्टिनैंट के पद पर प्रमोट किया गया। 

आरोही ने अकेले पार किए दो महासागर

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मुंबई में रहने वाली आरोही पंडित पहली ऐसी महिला पायलट है जिन्होंने अकेले प्लेन उड़ाते हुए दो महासागरों को पार करने का रिकाॅर्ड अपने नाम दर्ज करवाया। वह ऐसा करने वाली विश्व की पहली महिला पायलट है। आरोही ने मई 2019 में अकेले उड़ान भरकर पहले अटलांटिक महासागर और फिर प्रशांत महासागर पार किया था। 

सरला ने पल्लू बांधकर उड़ाया था विमान 

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भारत की पहली महिला पायलट सरला ठकराल थीं। 1936 में उन्होंने साड़ी का पल्लू संभालते हुए लाहौर हवाई अड्डे पर दो सीटों वाला जिप्सी माॅथ विमान उड़ाकर कीर्तिमान रचा था। तब वह दौर था, जब महिलाओं को घर से बाहर जाने के लिए भी परिवार की इजाजत लेनी पड़ती थी। साड़ी पहनकर विमान उड़ाना तो अचंभे की बात थी।  


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Content Writer

Vandana

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