रक्षाबंधन स्पेशल : दुनिया का इकलौता भाई-बहन का मंदिर, जहां साक्षात विराजमान हैं यमराज
punjabkesari.in Tuesday, Aug 05, 2025 - 03:43 PM (IST)

नारी डेस्क: रक्षाबंधन के पावन पर्व पर आज हम आपको ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है। मथुरा के प्रसिद्ध विश्राम घाट पर बना यह अनोखा मंदिर, यमराज और उनकी बहन को समर्पित है और इसमें उनकी पूजा की जाती है। मान्यता है, कि जो कि जो भी भाई-बहन इस मंदिर में साथ दर्शन करते हैं और फिर यमुना नदी में डुबकी लगाते हैं, उनको जीवन-मृत्यु के झंझट से मुक्ति मिल जाती हैं।
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में मौजूद विश्राम घाट के पास स्थित भाई-बहन का मंदिर यमराज और उनकी बहन यमुना को समर्पित है, जिसे श्री यमुना धर्मराज मंदिर के नाम से जानते हैं। बताया यह भी जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध करने के बाद इसी स्थल पर बैठकर विश्राम किया था. तभी से इस स्थान का नाम विश्राम घाट पड़ गया। इस मंदिर पर विशेष रूप से राखी और भाई-दूज पर सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है।
पौराणिक कथा के अनुसार, सूर्य देव की दो संतानें थीं - यमराज और यमुना (जिन्हें यमी भी कहा जाता है)। यमुना अपने भाई यमराज से बहुत प्यार करती थी और उनसे मिलने गोलोक (यमुना का निवास स्थान) जाती थी. एक बार, यमराज ने यमुना से वरदान मांगने के लिए कहा, तो यमुना ने वरदान मांगा कि जो भी भाई-बहन यमुना नदी में स्नान करके इस मंदिर में दर्शन करेंगे, उन्हें यमलोक नहीं जाना पड़ेगा। यमराज ने यह वरदान दिया और तभी से भाई-बहन के प्रेम का त्योहार, भाई दूज यहां मनाया जाता है। हालांकि रक्षाबंधन के मौके पर भी यहां काफी भीड़ रहती है।
इस मंदिर में भाई यमराज और बहन यमुना जी चार भुजा धारी प्रतिमा स्थापित है। जहां मां चतुर्भुज रूप में विराजमान हैं, वहीं दूसरे तरफ यमराज जी प्रसन्न रूप में और आशीर्वाद देती हुई मुद्रा में स्थापित हैं। यमुना जी के हाथ में भोजन की थाली और दूसरे में कमल का फूल है। वहीं तीसरे हाथ में टीका लगाती हुई मुद्रा दिखेगी और चौथा हाथ आशीर्वाद देती हुई मुद्रा में है। । यम यमुना मंदिर सुबह 5 बजे खुलता है और फिर दोपहर में बंद हो जाता है फिर से शाम को 4 बजे खुलता है। गर्मियों में मंदिर रात के 8 बजे बंद हो जाता है और सर्दियों में 7:30 बजे।