वर्किंग वुमेन के बाद अब छात्राओं को भी पीरियड्स में मिलेगी छुट्टी, इस यूनिवर्सिटी ने लिया फैसला

punjabkesari.in Saturday, Jan 14, 2023 - 04:54 PM (IST)

महीने के वो दिन हर लड़की के लिए दर्द भरे होते हैं। इस दौरान दर्द इतना ज्यादा होता है कि  किसी का भी चेहरा पीला पड़ सकता है। पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के हॉर्मोनल बदलाव होते हैं, सबसे दुखद यह है कि इस मुद्दे पर खुलकर बात करने की इजाजत भी नहीं होती है। पीरियड्स लीव को लेकर दुनियाभर में चल रही बहस के बीच केरल के एक विश्वविद्यालय ने बहुत बड़ा कदम उठाया है।

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केरल के एक विश्वविद्यालय की छात्राएं उपस्थिति की कमी के लिए अतिरिक्त छूट के रूप में “माहवारी राहत” का फायदा उठा सकती हैं। छात्राओं की लंबे समय से चली आ रही मांग को ध्यान में रखते हुए, यहां के प्रसिद्ध कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीयूएसएटी) ने प्रत्येक सेमेस्टर में छात्राओं की उपस्थिति में कमी के लिए अतिरिक्त दो प्रतिशत की छूट की मंजूरी दी है। 

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एक स्वायत्त विश्वविद्यालय, सीयूएसएटी में विभिन्न वर्गों में 8000 से अधिक छात्र हैं और उनमें से आधे से अधिक लड़कियां हैं। संयुक्त रजिस्ट्रार द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया- “महिला छात्रों को मासिक धर्म लाभ के अनुरोधों पर विचार करने के बाद, कुलपति ने शैक्षणिक परिषद को रिपोर्ट करने के अधीन, प्रत्येक सेमेस्टर में महिला छात्रों की उपस्थिति में दो प्रतिशत की अतिरिक्त छूट की स्वीकृति देने का आदेश दिया है।

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विश्वविद्यालय के सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ समय से विभिन्न छात्र संघ छात्राओं को मासिक धर्म ‘लाभ' दिए जाने के लिए दबाव बना रहे थे। इस संबंध में एक प्रस्ताव औपचारिक रूप से कुलपति को हाल ही में प्रस्तुत किया गया था। इसे अनुमोदित किये जाने के बाद एक आदेश जारी किया गया। बताया जा रहा है कि  प्रत्येक छात्रा के लिए अलग-अलग छूट होगी क्योंकि यह उसकी उपस्थिति पर निर्भर करेगा। यह प्रत्येक छात्रा के लिए अलग होगा। प्रत्येक छात्रा मासिक धर्म लाभ के रूप में अपनी कुल उपस्थिति के दो प्रतिशत का दावा कर सकती है।
 


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vasudha

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