नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. ल्यूक का दावा, कोरोना वैक्सीन से पैदा हो रहे नए वैरिएंट
punjabkesari.in Tuesday, May 25, 2021 - 02:18 PM (IST)
कोरोना वायरस के चलते जहां दुनियाभर में चिंता और डर का माहौल बना हुआ है वहीं, फ्रांस के नोबेल पुरस्कार विजेता ल्यूक मॉन्टैग्नियर (luc montagnier) ने एक चौंकाने वाला ब्यान दिया है। दरअसल, उनका कहा है कि कोरोना वैक्सीन वायरस को रोकने के बजाए उसे बढ़ावा दे रही है। यही नहीं, वैक्सीनेशन की वजह से ही कोरोना के नए-नए वैरिएंट उत्पन्न हो रहें है।
वायरल हो रहा प्रो. ल्यूक का इंटरव्यू
सोशल मीडिया पर प्रो. मॉन्टैग्नियर का इंटरव्यू खूब वायरल हो रहा है। उन्होंने WHO के ग्राफ का जिक्र करते हुए कहा कि जितनी तेजी से दुनियाभर में वैक्सीनेशन प्रोग्राम आगे बढ़ रहा है लोग उतनी ही तेजी से मर रहे हैं। बता दें कि प्रो.मॉन्टैग्नियर एक वायरोलॉजिस्ट हैं, जिन्होंने साल 2008 में 12 साल पहले नोबेल पुरस्कार जीता था।
This is HUGE!
— Amy Mek (@AmyMek) May 18, 2021
Bombshell: Nobel Prize Winner Reveals - Covid Vaccine is 'Creating Variants' (Huge Cover-Up)
Prof. Luc Montagnier said that epidemiologists know but are “silent” about the phenomenon, known as “Antibody-Dependent Enhancement” (ADE)
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ज्यादा घातक नए Variants
उनका कहना है कि टीके के तथ्यों के बारे में वैज्ञानिक भी जानते हैं लेकिन फिर भी वो खामोश है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘टीके वायरस को रोकते नहीं बल्कि विपरीत काम करते हैं। इंजेक्शन से कोरोना के नए वैरिएंट मूल वैरिएंट की तुलना में अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं’।
इस तरह काम करती है वैक्सीन
मॉन्टैग्नियर ने कहा कि वैज्ञानिकों की इस मेडिकल गलती को स्वीकार नहीं किया जा सकता। वैक्सीन शरीर में एंटीबॉडी बनाती हैं, जिससे वायर दूसरा रास्ता खोजता है या मर जाती हैं। इसी के कारण नए वैरिएंट का जन्म होता है।
हर Country में एक जैसा हाल
आगे मॉन्टैग्नियर ने कहा कि हर देश में एक जैसा हाल है। टीकाकरण का ग्राफ कोविड-19 डेथ ग्राफ के साथ चल रहा है। मैं वैक्सीन लगने के बाद संक्रमित हुए मरीजों का अनुसरण किया। इससे पता चलता है कि उन्होंने ऐसे वैरिएंट बनाएं, जिनपर वैक्सीन का प्रभाव कम हुआ। इस घटना को एंटीबॉडी-डिपेंडेंट एनहैंसमेंट’ (Antibody Dependent Enhancement (ADE) कहा जाता है।