चौंकाने वाली रिसर्च: कोरोना ने नसों को समय से पहले बूढ़ा किया, हार्ट अटैक का खतरा दोगुना

punjabkesari.in Wednesday, Aug 20, 2025 - 11:45 AM (IST)

नारी डेस्क:  कोरोना वायरस ने न केवल हमारी फेफड़ों और इम्यूनिटी को कमजोर किया, बल्कि अब इसके असर दिल और नसों पर भी दिखाई देने लगे हैं। हाल ही में यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च ने चौंकाने वाले नतीजे पेश किए हैं। इसमें पाया गया कि कोविड-19 से संक्रमित लोगों की नसें (Veins/Arteries) सामान्य लोगों की तुलना में जल्दी बूढ़ी हो गई हैं, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।

रिसर्च में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य

यह अध्ययन ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और यूरोप समेत 16 देशों के लगभग 2400 लोगों पर किया गया। शोध में पाया गया कि कोरोना संक्रमण झेल चुके लोगों की नसें उनकी असल उम्र से लगभग 5 साल ज्यादा बूढ़ी पाई गईं। इनमें से करीब 40% लोगों में आर्टरीज का लचीलापन कम हो गया था। जब नसों की लचीलापन और लोच (elasticity) कम हो जाती है, तो खून का प्रवाह प्रभावित होता है और दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।

नसों पर कोरोना का असर कैसे पड़ता है?

विशेषज्ञ बताते हैं कि कोविड-19 के दौरान शरीर में होने वाली सूजन (Inflammation) और वायरस का असर आर्टरीज को नुकसान पहुंचा सकता है। नसों का यह नुकसान धीरे-धीरे उनकी लचीलापन को खत्म करता है। लंबे समय तक यह स्थिति रहने पर व्यक्ति में हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यानी कोविड से रिकवरी के बाद भी इसके असर लंबे समय तक शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

रिसर्च क्यों है खास?

2400 लोगों पर हुई इस रिसर्च में यह साफ हुआ कि कोरोना सिर्फ संक्रमण के दौरान नहीं, बल्कि उसके बाद भी शरीर को कमजोर कर रहा है। जिन लोगों को हल्का संक्रमण हुआ था, उनमें भी नसों की उम्र बढ़ने के संकेत मिले। यह दर्शाता है कि कोविड-19 का असर दीर्घकालिक (long-term impact) हो सकता है।

कैसे बचाएं दिल और नसों को कोरोना के बाद?

संतुलित आहार लें – अपनी डाइट में हरी सब्जियां, फल, फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल करें।

नियमित व्यायाम करें – रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक, योग या हल्की एक्सरसाइज करें।

ब्लड प्रेशर और शुगर कंट्रोल में रखें – हाई बीपी और डायबिटीज नसों की उम्र तेजी से बढ़ाते हैं।

तनाव कम करें – मेडिटेशन, प्राणायाम और रिलैक्सेशन तकनीकें अपनाएं।

नियमित हेल्थ चेकअप करवाएं – खासकर उन लोगों को जो कोविड से संक्रमित हो चुके हैं, उन्हें हार्ट और ब्लड वेसल्स की जांच कराते रहना चाहिए।

 यह रिसर्च हमें याद दिलाती है कि कोविड-19 का असर केवल श्वसन तंत्र पर नहीं, बल्कि पूरे शरीर पर हो सकता है। इसलिए रिकवरी के बाद भी सेहत को लेकर सतर्क रहना ज़रूरी है।  


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Content Editor

Priya Yadav

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