जन्म के तुरंत बाद बच्चे को क्यों नहीं पहनाए जाते नए कपड़े? इन मान्यता के पीछे छिपा है वैज्ञानिक तर्क
punjabkesari.in Monday, Feb 10, 2025 - 01:54 PM (IST)
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नारी डेस्क: बच्चे के पैदा होने के बाद माता- पिता की जिम्मेदारियां काफी बढ़ जाती है। कई बार वह जाने- अनजाने में कुछ ऐसा कर बैठते हैं जो आगे चलकर बच्चे के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है। अगर आप नए- नए पेरेंट्स बने हैं या बनने वाले हैं तो जान लीजिए कि नवजात शिशु को कुछ दिनों तक नए कपड़े नहीं पहनाने चाहिए। यह केवल एक प्राचीन मान्यता नहीं है, बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक, पारंपरिक और वास्तु शास्त्र से जुड़े कई कारण होते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
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वास्तु शास्त्र और धार्मिक मान्यताएं
वास्तु शास्त्र के अनुसार, नवजात शिशु बहुत नाजुक और संवेदनशील होता है। उसे बाहरी दुनिया की ऊर्जा के प्रभाव से बचाने के लिए पुराने कपड़े पहनाने की परंपरा है, क्योंकि नए कपड़ों में बाहरी ऊर्जा जल्दी आकर्षित करने की प्रवृत्ति होती है। पुराने बुजुर्गों का भी मानना है कि पहले से पहने हुए कपड़े शुभ होते हैं और बच्चे को बुरी नजर और अशुद्धियों से बचाते हैं।
वैज्ञानिक कारण
इसका एक कारण यह भी है कि पुराने कपड़े धोए हुए होते हैं और कई बार पहने जाने के कारण उनमें किसी भी प्रकार के केमिकल या कठोर फैब्रिक का असर नहीं रहता, जिससे नवजात की त्वचा सुरक्षित रहती है। ऐसा माना जाता है कि नए कपड़े बनाने की प्रक्रिया में कई लोगों का स्पर्श होता है, जिससे उनमें अलग-अलग ऊर्जाएं आ सकती हैं। नवजात को इस तरह की ऊर्जा से बचाने के लिए पुराने कपड़े पहनाने की सलाह दी जाती है।
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पैसों की बचत
पुराने कपड़े पहनाने से फिजूलखर्ची कम होती है और इससे संसाधनों की बचत होती है। यह भी माना जाता है कि नवजात शिशु बहुत जल्दी बड़ा होता है, इसलिए कुछ समय के लिए नए महंगे कपड़े खरीदने की बजाय पुराने कपड़ों का इस्तेमाल करना समझदारी भरा फैसला होता है।
कब पहना सकते हैं नए कपड़े
अगर आप नवजात को नए कपड़े पहनाना चाहते हैं पहले उन्हें धोकर, धूप में सुखाकर और आयरन करके ही पहनाएं। 100% कॉटन और मुलायम फैब्रिक का चुनाव करें। बच्चे की त्वचा पर नए कपड़ों का कोई एलर्जी रिएक्शन तो नहीं हो रहा, इसे ध्यान से देखें। नवजात को पुराने कपड़े पहनाने की परंपरा सिर्फ अंधविश्वास नहीं है, बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक और वास्तु शास्त्र के ठोस कारण हैं।