नेपाल में हिंसा की आग में जली इंसानियत: पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी को ज़िंदा जलाया गया

punjabkesari.in Tuesday, Sep 09, 2025 - 08:41 PM (IST)

नारी डेस्क: नेपाल की राजधानी काठमांडू में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के दौरान एक बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल की पत्नी राजलक्ष्मी खनाल की इलाज के दौरान मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने उनके आवास पर हमला किया था, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गई थीं।

यह घटना काठमांडू के दल्लू इलाके में स्थित झलनाथ खनाल के आवास पर हुई। प्रदर्शनकारियों ने घर में घुसकर तोड़फोड़ की और आगजनी की। उस वक्त घर में झलनाथ खनाल की पत्नी राजलक्ष्मी और उनका बेटा निर्भीक खनाल मौजूद थे। हमले के दौरान प्रदर्शनकारियों ने राजलक्ष्मी खनाल को बुरी तरह पीटा और घर में आग लगा दी।

झलनाथ खनाल को नेपाली सेना ने समय रहते घर से सुरक्षित निकाल लिया, लेकिन राजलक्ष्मी गंभीर रूप से घायल हो गईं। पहले उन्हें छाउनी स्थित नेपाली सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया, फिर हालत बिगड़ने पर कीर्तिपुर के बर्न अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

इस दौरान हिंसा सिर्फ झलनाथ खनाल के घर तक सीमित नहीं रही। प्रदर्शनकारियों ने ऊर्जा मंत्री दीपक खड़का के आवास पर भी हमला किया। साथ ही कई नेताओं के घरों और कार्यालयों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में कुछ प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ते दिखे, जिन्हें रोकने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

स्थिति बिगड़ने पर सेना को कई नेताओं को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल करना पड़ा। त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक के बाद एक हेलीकॉप्टर उतारे गए और कई नेताओं को वहां से बाहर निकाला गया। ऐसी भी खबरें हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली देश छोड़ने की तैयारी में थे, जिसे लेकर लोगों में भारी आक्रोश देखा गया। इसी नाराज़गी में सिमरिक एयरलाइंस की इमारत में भी आग लगा दी गई।

हिंसा की वजह से नेपाल से होने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर भी असर पड़ा है। भारत की एयर इंडिया और इंडिगो ने दिल्ली-काठमांडू के बीच अपनी फ्लाइट्स रद्द कर दी हैं। त्रिभुवन एयरपोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

इस बीच, नेपाली सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर प्रदर्शनकारियों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने की अपील की है। वहीं विपक्षी दलों ने मौजूदा सरकार के इस्तीफे और नए प्रधानमंत्री के चयन की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है।

नेपाल इस समय गंभीर राजनीतिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा है। झलनाथ खनाल की पत्नी की मौत ने इस संकट को और गहरा कर दिया है। अब सबकी निगाहें सरकार, विपक्ष और जनता पर हैं कि देश को इस कठिन दौर से कैसे बाहर निकाला जाएगा  


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Content Editor

Priya Yadav

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