नसबंदी के दौरान इस जानवर की हुई मौत: कोर्ट ने डॉक्टर को ठहराया दोषी, कहा देना होगा मुआवजा

punjabkesari.in Friday, Oct 31, 2025 - 04:07 PM (IST)

नारी डेस्क : नोएडा में एक पशु चिकित्सक की लापरवाही के कारण बिल्ली की मौत का मामला सामने आया है। उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने डॉक्टर को दोषी करार देते हुए बिल्ली के मालिक को 25,000 रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। बिल्ली की मौत नसबंदी (स्टेरलाइजेशन) सर्जरी के बाद हुई थी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि डॉक्टर ने सर्जरी के दौरान जरूरी सावधानियां नहीं बरतीं और जांच रिपोर्ट छिपाई।

उपभोक्ता आयोग में दर्ज हुई शिकायत

नोएडा सेक्टर-105 निवासी तमन गुप्ता ने पेट वेल वेटनरी क्लिनिक के डॉक्टर सुरेश सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। गुप्ता का कहना था कि डॉक्टर ने सर्जरी के दौरान आवश्यक सतर्कता नहीं रखी। उन्होंने बताया कि डॉक्टर ने ब्लड टेस्ट रिपोर्ट साझा नहीं की और सर्जरी के लिए 17,480 रुपये वसूले। जानकारी के अनुसार, जनवरी में उनकी मां पहली बार बिल्ली को काउंसलिंग के लिए क्लिनिक लेकर गई थीं। जुलाई में डॉक्टर ने नसबंदी कराने की सलाह दी। लगभग 35 मिनट तक चली सर्जरी के बाद बिल्ली को होश नहीं आया। गुप्ता ने डॉक्टर से कई बार संपर्क किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

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 इमरजेंसी में भी नहीं बच सकी बिल्ली

डॉक्टर को बिल्ली का वीडियो भेजा, जिसके बाद डॉक्टर ने तुरंत इमरजेंसी में बुलाया। लेकिन वहां भी इलाज नहीं मिला और कुछ देर बाद बिल्ली की मौत हो गई। इस घटना से परिवार गहरे सदमे में आ गया।

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शिकायतकर्ता ने मांगा था 15 लाख का मुआवजा

उपभोक्ता आयोग में 15 लाख रुपये मुआवजे की मांग की थी, जिसमें मानसिक पीड़ा और मुकदमेबाजी की लागत शामिल थी। डॉक्टर की ओर से कोई जवाब नहीं आने पर आयोग ने 17 जून को एकतरफा सुनवाई की। सुनवाई में यह पाया गया कि डॉक्टर ने बिल्ली की पहले से मौजूद बीमारी की जानकारी होते हुए भी सर्जरी की और ब्लड रिपोर्ट मालिक से छिपाई। आयोग ने कहा कि यह “जानबूझकर की गई लापरवाही” है और इसे सेवा में कमी माना जाएगा।

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30 दिनों में देना होगा मुआवजा

आयोग ने आदेश दिया कि डॉक्टर सुरेश सिंह 30 दिनों के भीतर बिल्ली के मालिक को 25,000 रुपये मुआवजा दें। निर्धारित समय में भुगतान न करने पर इस राशि पर 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज लगाया जाएगा।


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Monika

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