इन देसी चीजों से सिद्धू की पत्नी ने दी कैंसर को मात, जानें क्या है दावा
punjabkesari.in Sunday, Nov 24, 2024 - 06:45 PM (IST)
नारी डेस्क: पूर्व क्रिकेटर और नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने कैंसर जैसी घातक बीमारी को हराकर न केवल खुद को स्वस्थ किया, बल्कि कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। सिद्धू ने 20 नवंबर को यह जानकारी दी कि उनकी पत्नी अब कैंसर-मुक्त हैं। यह खबर न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि उनके चाहने वालों के लिए भी राहत का कारण बनी।
नवजोत कौर का कैंसर
नवजोत कौर को स्टेज-4 इनवेसिव कैंसर था, जो काफी घातक माना जाता है। इस बीमारी के तीसरी स्टेज पर पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने इलाज में उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन नवजोत कौर ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करके कैंसर को हराया। सिद्धू ने बताया कि डॉक्टरों के द्वारा उम्मीद छोड़ दिए जाने के बावजूद नवजोत ने खुद पर विश्वास रखा और अपने आहार और जीवनशैली में बदलाव करके कैंसर को हराया। महज 40 दिनों में उन्होंने इस बीमारी को मात दी।
कैंसर से बचने के लिए नवजोत कौर की डाइट
नवजोत कौर ने अपनी डाइट में कई ऐसे देसी और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों को शामिल किया जो कैंसर के खिलाफ असरदार माने जाते हैं। उनकी डाइट में शामिल प्रमुख चीजें थीं:
इलायची, दालचीनी और गुड़ वाली चाय से दिन की शुरुआत करती थीं। नींबू पानी, कच्ची हल्दी, एप्पल साइडर विनेगर, नीम के पत्ते, तुलसी, अखरोट, चुकंदर, कद्दू, आंवला, अनार, और विटामिन सी से भरपूर फल उनकी डाइट का अहम हिस्सा थे। इन खाद्य पदार्थों का सेवन शरीर में सूजन कम करने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है। कोल्ड प्रेस्ड ऑयल जैसे नारियल तेल, मूंगफली तेल, और बादाम तेल का इस्तेमाल किया जाता था, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं और इनमें कैंसर से लड़ने के गुण होते हैं।
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डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव
सिद्धू ने बताया कि कैंसर को हराने में उनकी पत्नी की डाइट का सबसे बड़ा योगदान था। नवजोत कौर ने कई महत्वपूर्ण आदतें अपनाईं जिनसे उनके शरीर ने जल्दी रिकवरी की
गैपिंग डाइट
नवजोत कौर ने अपनी डाइट में गैपिंग का पालन किया, जिसका मतलब था कि वह एक बार में ज्यादा खाना नहीं खाती थीं। उनके खाने के बीच कम से कम दो घंटे का अंतराल होता था। यह तरीका शरीर को पूरी तरह से भोजन पचाने और ऊर्जा को अच्छे से अवशोषित करने का समय देता है। गैपिंग डाइट से मेटाबोलिज्म बेहतर होता है, जिससे शरीर अतिरिक्त कैलोरी बर्न करता है और डाइजेशन में सुधार होता है। यह न केवल कैंसर से लड़ने में मदद करता है, बल्कि शरीर को और भी स्वस्थ बनाता है।
मीठे से परहेज
नवजोत कौर ने अपनी डाइट में मीठे खाद्य पदार्थों से पूरी तरह से परहेज किया। उन्होंने शक्कर, मिठाई और अन्य मीठे पदार्थों से दूरी बनाई, क्योंकि चीनी से शरीर में सूजन बढ़ सकती है और यह कैंसर कोशिकाओं के विकास में मदद कर सकता है। मीठे खाद्य पदार्थों में उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिससे शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ता है, जो कैंसर के विकास को तेज कर सकता है। इसके बजाय, उन्होंने अपनी डाइट में प्राकृतिक मिठास जैसे फल और शहद को प्राथमिकता दी, जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।
कार्बोहाइड्रेट्स से दूरी
नवजोत ने अपनी डाइट में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स से पूरी तरह से परहेज किया। सफेद चावल, मैदा, बिस्कुट और अन्य प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जो शरीर में सूजन और इंसुलिन के स्तर को बढ़ाते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके बजाय, उन्होंने साबुत अनाज, दलहन, और फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन किया, जो शरीर को पोषण देते हैं और इन्फ्लेमेशन (सूजन) को कम करने में मदद करते हैं।
6 बजे के बाद खाना न खाना
नवजोत कौर ने अपनी दिनचर्या में शाम 6 बजे के बाद भोजन करना बंद कर दिया था। इस समय के बाद भोजन न करने से शरीर को रातभर अपने पाचन तंत्र को आराम देने और डाइजेशन प्रक्रिया को ठीक से पूरा करने का समय मिलता है। यह इंटरमिटेंट फास्टिंग के समान है, जो शरीर को स्वच्छ करने और कोशिकाओं को पुनः उत्पन्न करने में मदद करता है। इस आदत से शरीर में मौजूद विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और शरीर को अधिक ऊर्जा मिलती है। यह न सिर्फ वजन घटाने में मदद करता है, बल्कि कैंसर जैसी बीमारियों से भी लड़ने में सहायक होता है।
नींबू पानी और नीम के पत्ते
नवजोत ने दिन की शुरुआत नींबू पानी से की और उसके बाद 10-12 नीम के पत्ते चबाए। नींबू पानी विटामिन C का बेहतरीन स्रोत होता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। वहीं, नीम के पत्ते भी एक प्राकृतिक एंटी-बायोटिक होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करने, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद करते हैं। यह आदत न सिर्फ इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार साबित हुई, बल्कि यह उनके पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद रही।
शरीर में बदलाव
नवजोत कौर ने बताया कि इस नई डाइट और लाइफस्टाइल के बाद उनके शरीर में कई सकारात्मक बदलाव हुए। न केवल उनका कैंसर ठीक हुआ, बल्कि उनके फैटी लिवर की समस्या भी समाप्त हो गई और उनका 25 किलो वजन कम हो गया। इस बदलाव ने उनकी सेहत को और बेहतर बना दिया।
ध्यान देने योग्य बातें
यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। यदि आप भी ऐसी डाइट और लाइफस्टाइल अपनाने का विचार कर रहे हैं तो कृपया पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लें। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज में स्वास्थ विशेषज्ञ की सलाह और मार्गदर्शन बेहद महत्वपूर्ण होता है।
नवजोत कौर की यह कहानी एक प्रेरणा है कि सही आहार, नियमित व्यायाम और सकारात्मक मानसिकता के साथ किसी भी बीमारी को हराया जा सकता है। उनका अनुभव यह साबित करता है कि मेडिकल साइंस के साथ-साथ एक संतुलित जीवनशैली भी स्वास्थ्य को ठीक करने में अहम भूमिका निभा सकती है।