Myth Buster: क्या लंबे समय तक Mask पहनने से बढ़ जाता है CO2 का स्तर?
punjabkesari.in Tuesday, Jan 18, 2022 - 02:11 PM (IST)
कोरोना महामारी का कहर एक बार भी देश में बढ़ रहा है। कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। लोगों को महामारी से बचाने के लिए सभी कोरोना प्रोटोकॉल नियमों का पालन करने की सलाह दी जा रही है, खासकर घर से बाहर मास्क पहनने की हिदायत दी जा रही है। यही नहीं, लोगों को घर पर भी मास्क पहने रखने की अपील की जा रही है। इसी बीच सोशल मीडिया पर खबरें उड़ रही हैं कि ज्यादा लंबे समय तक मास्क पहने रखने से शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) के लेवल पर असर पड़ रहा है। चलिए जानते हैं इसपर क्या है वैज्ञानिकों की राय?
मास्क पहनना क्यों जरूरी?
एक्सपर्ट की मानें तो कोरोना के खिलाफ मास्क एक कवच की तरह काम करता है और बीमारी से बचाने में मदद करता है। बाहर मास्क पहनने पर बहुत जोर दिया जाता है क्योंकि भीड़-भाड़ वाली जगहों पर, जहां बड़ी संख्या में लोग जमा होते हैं, क्योंकि सांस लेने और खांसने से COVID संचरण का खतरा बढ़ जाता है। शोध अध्ययनों के अनुसार, मास्क पहनने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कोरोनावायरस के संचरण में देरी होती है।
क्या मास्क लंबे समय तक पहनने से CO2 का स्तर बढ़ जाता है?
कुछ लोगों का मानना है कि लंबे समय तक मास्क पहनने की वजह से सेहत पर बुरा असर पड़ता है क्योंकि इससे किसी व्यक्ति के आसपास सांस लेने वाली हवा में CO2 का स्तर बढ़ जाता है। इससे सेहत पर बुरा असर पड़ता है लेकिन अभी इस बात की कोई पुष्टि नहीं की गई है।
कैसा मास्क पहनना होगा फायदेमंद?
शोध की मानें तो इंफेक्शन से बचने के लिए हर तरह का मास्क फायदेमंद होता है, कपड़े का मास्क भी। मगर, बेहतर होगा कि आप N95 या सर्जीकल मास्क पहनें। लगभग सभी शोध में यह साबित हुआ है कि मास्क पहनने के साथ स्वच्छता का ध्यान रखने से कोरोना वायरस का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
CDC का क्या कहना है?
अफवाहों पर यूएस सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की मानें तो मास्क पहनने से आप जिस हवा में सांस लेते हैं उसमें CO2 का स्तर नहीं बढ़ता। कपड़े या सर्जिकल मास्क, चेहरे पर एयरटाइट फिट प्रदान नहीं करते हैं। वहीं, सांस छोड़ते या बात करते समय CO2 मास्क के जरिए हवा में निकल जाता है। CO2 अणु इतने छोटे होते हैं कि आसानी से मास्क से गुजर सकते हैं जबकि कोरोना के वायरस CO2 की तुलना में बहुत बड़े होते हैं। मास्क इस तरह से डिजाइन किए जाते हैं कि उससे CO2 लेवल पर कोई असर नहीं पड़ता।