Mahakal Photo : महाकाल मंदिर में जाने के लिए महिलाओं को करना पड़ता है यह काम
punjabkesari.in Wednesday, Jul 31, 2019 - 01:38 PM (IST)
सावन का महीना चल रहा है। इस महीने में शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रहती हैं, जिसमें से एक है महाकाल मंदिर। भगवान शिव को समर्पित यह स्वयंभू ज्योतिर्लिंग मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित है, जिसके दर्शन करने के लिए श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं। इस मंदिर का कई पौराणिक ग्रंथों में काफी सुंदर वर्णन मिलता है।
देश-विदेश से आते हैं टूरिस्ट महाकाल मंदिर में
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर तीन हिस्सों में विभाजित है। इसके ऊपरी हिस्से में नाग चंद्रेश्वर, नीचे ओंकारेश्वर और सबसे नीचे महाकाल मुख्य ज्योतिर्लिंग स्थापित है। यहां आप भगवान शिव के साथ ही गणेशजी, कार्तिकेय और माता पार्वती के दर्शन कर सकते हैं। इसके साथ ही यहां एक कुंड भी है, जिसमें स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं।
असुर का वध करने के लिए हुए थे प्रकट
ऐसा माना जाता है कि महाकाल यहां दूषण नामक असुर से लोगों की रक्षा के लिए प्रकट हुए थे। जब उन्होंने असुर का वध कर दिया तो लोगों ने भगवान महाकाल को यहीं वास करने की प्रार्थना की, जिसके बाद भगवान ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए। इसके अलावा उज्जैन का शास्त्रों में वर्णन भगवान श्रीकृष्ण को लेकर भी मिलता है, क्योंकि उनकी शिक्षा यहीं हुई थी।
भस्म से होती है आरती
हर सुबह महाकाल की भस्म आरती करके उनका श्रृंगार होता है। ऐसा माना जाता है कि जो इस आरती में शामिल हो जाए उसके सभी कष्ट दूर होते हैं। इसके बिना आपके दर्शन पूरे भी नहीं माने जाते हैं। इसके अलावा यहां नाग चंद्रेश्वर मंदिर और महाकाल की शाही सवारी भी काफी फेमस है।
महिलाओं के लिए है खास नियम
इस मंदिर में आने के लिए महिलाओं को एक खास नियम की पालना करनी पड़ती है। दरअसल, महिलाओं को यहां आरती में शामिल होने के लिए घूंघट लेना पड़ता है। वहीं यहां अन्य किसी भी प्रकार के वस्त्र यानि जींस आदि जैसे कपड़े पहनने की मनाही है।
कैसे जाएं महाकाल मंदिर
आप इस मंदिर में जाने के लिए सड़क मार्ग या रेल यात्रा का चुनाव कर सकते हैं। इसके अलावा इस मंदिर तक पहुंचने के लिए हवाई यात्रा का सहारा भी लिया जा सकता है। हालांकि उज्जैन के पास खुद का एयरपोर्ट नहीं है लेकिन नजदीकी एयरपोर्ट इंदौर में है। यहां से उज्जैन मात्र 58 किलोमीटर की दूर पर है। एयरपोर्ट से सीधा मंदिर जाने के लिए प्राइवेट टैक्सी आसानी से मिल जाती है।