पहली बार MBBS की पढ़ाई इंग्लिश की जगह होगी हिंदी में, MP में तैयार हो रही हैं Books
punjabkesari.in Monday, Mar 28, 2022 - 03:25 PM (IST)
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में शुरू करने का ऐलान किया है। ऐसा करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य होगा। इसके साथ ही सरकार ने सरकारी स्कूलों में कक्षा आठ से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की पढ़ाई शुरू करने का भी फैसला लिया है।
हम अंग्रेजी के गुलाम क्यों बनें: शिवराज सिंह
शिवराज सिंह ने कहा- मध्य प्रदेश पहला राज्य होगा, जहां मेडिकल की पढ़ाई हम इस बार हिन्दी में प्रारंभ करेंगे। उन्होंने कहा जब दुनिया का हर देश अपनी भाषा में पढ़ाई करता है, तो हम अंग्रेजी के गुलाम क्यों बनें। सीएम का कहना है कि गरीब बच्चें या गांवों से आने वाले बच्चे प्रतिभाशाली होने के बाद भी अंग्रेजी नहीं आने के कारण खुद को कम आंकते हैं।
एमबीबीएस कोर्स पर हो रहा काम: शिवराज सिंह
शिवराज सिंह ने बताया कि- राज्य सरकार एमबीबीएस कोर्स और इसकी किताबों पर काम कर रहा है. इसी साल से देश में पहली बार हम अपनी मातृभाषा में मेडिकल की पढ़ाई प्रारंभ करेंगे। उन्होंने कहा- मैं गर्व के साथ कह रहा हूं कि इंजीनियर सहित अन्य पढ़ाई को हिंदी में शुरू करके इस मिथ्य को तोड़ देंगे कि अंग्रेजी जरूरी है। देश के गरीब, ग्रामीण इलाकों के बच्चों और मध्यवर्गीय परिवारों के इसका लाभ मिलेगा।
कक्षा आठ से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई भी होगी शुरु
मध्य प्रदेश के सीएम ने आगे कहा- स्कूल स्तर पर देश में पहली बार मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों में कक्षा आठ से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई शुरू कराई जाएगी। इसके तहत 240 घंटों का एआई पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा।’’उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों को सुपर स्पेशियल्टी अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा।
43 लाख लाडली बेटियां मध्य प्रदेश में है: सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा- मध्य प्रदेश में लाडली लक्ष्मी योजना शुरू की गई थी। आज 43 लाख लाडली बेटियां मध्य प्रदेश में है। अब योजना का दूसरा चरण दो मई को आरंभ किया जाएगा।” शिवराज ने कहा, “गरीब कल्याण योजना छह माह और जारी रहेगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना को मिलाकर हर व्यक्ति को प्रति माह 10 किलो अनाज दिया जाएगा।” उन्होंने कहा कि सीएम राइज स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति का सूचक है और प्रत्येक स्कूल के भवन निर्माण पर 24 करोड़ की लागत आएगी।