मंगल और केतु बना रहे खतरनाक योग, 7 जून से 28 जुलाई तक इन 3 राशियों पर मंडराएगा संकट
punjabkesari.in Saturday, Jun 07, 2025 - 12:00 PM (IST)

नारी डेस्क: 7 जून 2025 यानी कि आज ग्रहों के सेनापति मंगल सिंंह राशि में गोचर हो चुका है, जिसका 12 राशियों पर प्रभाव पड़ने वाला है। इस राशि में मंगल और केतु की युति से भंयकर अशुभ योग का निर्माण हुआ है, जिसे कुंज-केतु योग कहा जाता है। इस युति से कई राशि के जातकों को सावधान रहने की जरूरत है। चलिए समझते हैं विस्तार से।
प्रमुख जानकारी:
गोचर तिथि: 7 जून 2025, रात 2:10 बजे
राशि परिवर्तन: मंगल (Mangal)कर्क (Cancer)से निकलकर सिंह (Leo) में प्रवेश करेगा
गोचर अवधि: 28 जुलाई 2025 तक
विशेष संयोग: इस अवधि में मंगल और केतु दोनों सिंह राशि में रहेंगे, जिससे"कुज-केतु योग" (Kuja-Ketu Yoga) बनेगा।
"कुज-केतु योग" क्या है?
कुज-केतु योग तब बनता है जब मंगल और केतु एक ही राशि में आते हैं। यह योग क्रोध, दुर्घटना, आक्रोश, वाद-विवाद, चोट या आंतरिक बेचैनीजैसी स्थितियों को बढ़ा सकता है। कई बार यह कर्मों के फल जल्दी दिलाने वाला योगभी होता है, खासकर यदि कुंडली में पहले से अशुभ ग्रहों का असर हो। मंगल सिंह राशि में 28 जुलाई 2025 तक रहेंगे, ऐसे में अगले 51 दिनों तक इन राशि के जातकों के बेहद सावधान रहना होगा

इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव
सिंह (Leo): इस राशि के जातकों को मानसिक तनाव, गुस्सा और अपनों से टकराव की संभावना रहेगी। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। इनके लिए योग, मेडिटेशन और धैर्य आवश्यक है
तुला (Libra):इस राशि के जातकों की मित्रों या सहकर्मियों से बहस हो सकती है। कानूनी या कागजी मामलों से दूर रहें, खर्चों में अनावश्यक वृद्धि संभव
मकर (Capricorn): इस राशि के जातकों को पारिवारिक विवाद, संपत्ति या जमीन से जुड़ी उलझनों का सामना करना पड़ सकता है। वाणी पर संयम रखें, वरना रिश्तों में दरार आ सकती है
इन राशियों को मिल सकता है लाभ:
मेष (Aries): आत्मबल में वृद्धि होगी, रुके हुए कार्य पूरे हो सकते हैं। नेतृत्व क्षमता बढ़ेगी, पर अहंकार से बचें
धनु (Sagittarius): करियर में उन्नति के संकेत, विदेश यात्रा या उच्च शिक्षा के अवसर बन सकते हैं। ध्यान रखें जोश में होश न खोएं
कुज-केतु योग के दोष से बचने के उपाय
-मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें
-केतु मंत्र** ("ॐ कें केतवे नमः") का जप करें
-लाल मसूर की दाल का दान करें
-नारियल और लाल वस्त्र हनुमान जी को चढ़ाएं
-क्रोध और अहंकार से बचें, मौन व्रत या ध्यान साधना अपनाएं