मोबाइल ने टेढ़ी कर दी हड्डियां, गर्दन तक उठाना हो गया मुश्किल, सहारे के लिए लगवाने पड़े स्क्रू और मेटल रॉड
punjabkesari.in Monday, May 19, 2025 - 12:46 PM (IST)

नारी डेस्क: जापान में एक 25 साल के युवक को घंटों तक मोबाइल पर गेम खेलने की आदत ने उसकी सेहत पर गहरा असर डाला। यह युवक घंटों तक अपनी गर्दन झुका कर मोबाइल का इस्तेमाल करता था, जिसके कारण उसे एक दुर्लभ बीमारी का सामना करना पड़ा। डॉक्टरों ने उसे "ड्रॉपिंग हेड सिंड्रोम" नामक बीमारी का शिकार बताया। इस बीमारी के कारण युवक की गर्दन की हड्डियां टेढ़ी हो गई और उसे गर्दन को खुद से उठाने में कठिनाई होने लगी।
मोबाइल पर गेम खेलने की आदत ने किया नुकसान
यह मामला मेडिकल जर्नल "जेओएस केस रिपोर्ट्स" में प्रकाशित हुआ जिसमें बताया गया कि युवक की गर्दन की हड्डियां लगातार झुकी रहने के कारण कमजोर हो गईं और रीढ़ की ऊपरी हड्डियों पर स्कार टिशू बन गए। डॉक्टरों का कहना है कि युवक घंटों तक मोबाइल पर गेम खेलता था, जिससे उसकी गर्दन की मांसपेशियां कमजोर हो गईं। लगातार गर्दन झुकी रखने से उसके पीछे एक गोला भी उभर आया था।
इलाज से पहले युवक को गर्दन में तेज दर्द और खाने-पीने में दिक्कत होने लगी थी। इसके कारण उसका वजन तेजी से घटने लगा। युवक को अब अपनी गर्दन उठाने में भी मुश्किल होने लगी थी। डॉक्टरों ने पहले कॉलर का सहारा लिया, लेकिन जब युवक को गर्दन में सुन्नपन महसूस हुआ, तब सर्जरी करने का फैसला लिया गया।
सर्जरी और उपचार
सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने युवक की गर्दन की हड्डियों की टेढ़ी स्थिति को ठीक किया और खराब हो चुकी टिशू को हटाया। इसके बाद गर्दन की हड्डियों में स्क्रू और मेटल रॉड लगाई गई। सर्जरी के लगभग 6 महीने बाद युवक की स्थिति में सुधार आया। अब वह आसानी से अपनी गर्दन उठा सकता था और उसकी सेहत सामान्य हो गई थी।
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युवक का मानसिक संघर्ष और मोबाइल का प्रभाव
डॉक्टरों के अनुसार, यह युवक बचपन में काफी एक्टिव था, लेकिन किशोरावस्था में वह स्कूल में बच्चों के मारपीट का शिकार हुआ। इस कारण उसने स्कूल छोड़ दिया और खुद को कमरे में बंद कर लिया। युवक ने अपनी सामाजिक गतिविधियों से दूर रहकर अपना समय मोबाइल पर गेम खेलने में बिताना शुरू किया। इसी आदत ने उसकी सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित किया और उसे यह दुर्लभ बीमारी हो गई।
क्या है "ड्रॉपिंग हेड सिंड्रोम"?
"ड्रॉपिंग हेड सिंड्रोम" एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति अपनी गर्दन को खुद से उठाने में सक्षम नहीं होता। यह समस्या न्यूरोमस्कुलर बीमारियों से जुड़ी होती है, लेकिन इसका एक और कारण लंबे समय तक गर्दन को झुका कर रखना भी हो सकता है। इस सिंड्रोम में गर्दन की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और वह गर्दन को सही तरीके से सहारा देने में असमर्थ होती हैं।
यह बीमारी आमतौर पर कुछ विशेष मांसपेशियों या तंत्रिका संबंधी समस्याओं के कारण होती है, लेकिन लगातार गलत मुद्रा में बैठे रहने या झुकी हुई गर्दन की स्थिति को बनाए रखने से भी यह हो सकती है। यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है, जैसे कि इस युवक के साथ हुआ।
यह मामला यह दिखाता है कि मोबाइल पर अत्यधिक समय बिताना और गलत मुद्रा में रहना शरीर पर किस प्रकार के नकारात्मक असर डाल सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति को लंबे समय तक गर्दन में दर्द या सूजन महसूस हो, तो उसे अपनी स्थिति को सुधारने के लिए समय रहते इलाज करवाना चाहिए। साथ ही, इस बीमारी से बचने के लिए सही बैठने की मुद्रा और शरीर के साथ संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है।