महिला शतरंज की नई विश्व चैंपियन बनीं 19 साल की दिव्या देशमुख, पीएम मोदी ने दी बधाई
punjabkesari.in Wednesday, Jul 30, 2025 - 04:21 PM (IST)

नारी डेस्क: 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने फिडे महिला शतरंज विश्व कप 2025 जीतकर इतिहास रच दिया है। वह पहली भारतीय महिला शतरंज खिलाड़ी हैं, जिन्होंने यह बड़ा खिताब अपने नाम किया है। इस टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में दिव्या ने भारत की दूसरी टॉप खिलाड़ी कोनेरू हम्पी को हराया। बाकू में हुए इस ऑल-इंडियन फाइनल में दिव्या ने रैपिड टाई-ब्रेक में 1.5–0.5 से जीत हासिल की।
फाइनल से पहले दोनों दिन खेले गए गेम ड्रॉ रहे, जहां दोनों खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। पहले गेम में दिव्या ने सफेद मोहरों से खेलते हुए दबदबा बनाया, लेकिन हम्पी ने बराबरी कर ली। दूसरे गेम में भी मुकाबला कड़ा रहा। दिव्या ने माना कि वह कुछ समय बेवजह मुश्किल में पड़ गई थीं, लेकिन उन्होंने अपने आत्मविश्वास को बनाए रखा।
A final for the ages.
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) July 28, 2025
An all-Indian faceoff between two icons.
And at just 19, @DivyaDeshmukh05 emerges as the 2025 FIDE Women’s World Cup Champion, scripting a first for the country.
Defeating the trailblazing @humpy_koneru, she’s become a torchbearer for generations to come.… pic.twitter.com/fd1PWN1Xnz
टाई-ब्रेक में दिव्या ने जबरदस्त खेल दिखाया। पहला रैपिड गेम ड्रॉ रहा, लेकिन दूसरे गेम में हम्पी समय के दबाव में गलतियां कर बैठीं, जिन्हें दिव्या ने भुनाया और जीत अपने नाम की। इस जीत के साथ दिव्या न केवल महिला विश्व चैंपियन बनीं, बल्कि भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर और कुल मिलाकर 88वीं ग्रैंडमास्टर भी बनीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक जीत पर दिव्या देशमुख और कोनेरू हम्पी दोनों को बधाई दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “दोनों भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन और एक ऐतिहासिक फाइनल मुकाबला। युवा दिव्या देशमुख को महिला विश्व शतरंज चैंपियन बनने पर गर्व है। यह जीत कई युवाओं को प्रेरणा देगी।” साथ ही, कोनेरू हम्पी के शानदार खेल की भी उन्होंने प्रशंसा की।
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फाइनल के बाद दिव्या ने कहा, “यह एक किस्मत का खेल है। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले मेरा मानना था कि शायद मैं ग्रैंडमास्टर नॉर्म हासिल कर लूं, लेकिन अब मैं पूरी तरह से ग्रैंडमास्टर बन गई हूं।”
दिव्या के परिवार में खुशी की लहर है। उनकी चाची डॉ. स्मिता देशमुख ने कहा, “दिव्या की मेहनत और उनके माता-पिता के बलिदान का फल यह सफलता है। हम सबको उस पर गर्व है।”
Congratulations to Divya Deshmukh:
— Jackie Shroff (@bindasbhidu) July 28, 2025
A champion and Grandmaster at just 19! Making India proud 🇮🇳 #fidewomensworldcup2025 pic.twitter.com/dn2HsNsN4H
दिव्या की यह जीत खास इसलिए भी है क्योंकि उन्होंने कोनेरू हम्पी जैसे मजबूत खिलाड़ी को हराया, जो दो बार विश्व रैपिड चैंपियन रह चुकी हैं और क्लासिकल शतरंज में विश्व के टॉप 5 खिलाड़ियों में शामिल हैं। वहीं, दिव्या फिडे रैंकिंग में क्लासिकल में 18वीं, रैपिड में 22वीं और ब्लिट्ज में 18वीं रैंक पर हैं।
नागपुर की इस युवा खिलाड़ी ने अपनी प्रतिभा पहले भी साबित की है। पिछले साल उन्होंने विश्व जूनियर चैंपियनशिप जीती थी। 2024 में बुडापेस्ट में हुए शतरंज ओलंपियाड में उन्होंने भारत को स्वर्ण पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अब बाकू में उनकी इस जीत ने उन्हें विश्व शतरंज के उभरते सितारे के रूप में स्थापित कर दिया है।
दिव्या देशमुख की सफलता भारतीय महिला शतरंज के लिए एक बड़ी प्रेरणा है और आने वाले समय में वे और भी ऊंचाइयों को छूने की उम्मीद जगाती हैं।