वीर योद्धा महाराणा प्रताप की 480 वीं जयंती पर जानें उनसे जुड़ी खास बातें
punjabkesari.in Tuesday, May 26, 2020 - 11:33 AM (IST)

भारत वीर योद्धाओं के गौरवमयी इतिहास से भरा पड़ा है। बात चाहे मुग्लों की करें या फिर अन्य शक्तिशाली देशों की, जब जब भारत पर किसी ने भी आक्रमण करने की ठानी, यहां के वीर योद्धाओं ने उसका करार जवाब पलट कर दिया। उन्हीं योद्धाओं में से एक नाम आता है महाराणा प्रताप का। महाराणा प्रताप मेवाड़ के एक महान हिंदू शासक थे। सोलहवीं शताब्दी में अकबर द्वारा किए जा रहे अत्याचारों का जवाब महाराणा प्रताप ने बाखूबी तरीके से दिए। कोरोना के कारण भले महाराणा प्रताप जंयती पहले की तरह नहीं मनाई जा रही, मगर चलिए उनकी जयंती पर उनके बारे में जानते हैं कुछ खास बातें...
कुल 11 विवाह
महाराणा प्रताप जी को बचपन में कीका कहकर पुकारा जाता था। महाराणा प्रताप ने राजनीतिक कारणों की वजह से जीवन में कुल 11 विवाह किए।
ऐतिहासिक युद्ध
हल्दीघाटी का महान युद्ध अकबर और महाराणा प्रताप के बीच ही हुआ था, इतिहास की मानें तो यह युद्ध महाभारत के युद्ध जितना ही विनाशकारी सिद्ध हुआ था। युद्ध के परिणाम हैरानीजनक रहे, ऐसा कहा जाता है कि इस युद्ध में न तो अकबर हारा और न ही महाराणा प्रताप।
72 किलो था वजन
महाराणा प्रताप छापी पर 72 किलो का कवच पहनकर युद्ध करने जाते थे, उनके शरीर का भार 81 किलो था। अपने साथ वह भाला, कवज, ढाल और दो तलवारें रखते थे, जिनका वजन कुल मिलाकर 208 किलो होता था।
शाही और खास घोड़ा
उनके पास एक घोड़ा था, जिसे वह चेतक के नाम से पुकारते थे। इतिहास के मुताबिक उनका घोड़ा भी उनके जितना ही शक्तिशाली था। हल्दीघाटी के युद्ध के दौरान चेतक ने कई बार महाराणा प्रताप जी के प्राणों की रक्षा की। चेतक ने उस घोल युद्ध में महाराणा जी को अपनी पीठ पर बिठाकर एक भयंकर नाला पार करवाया। अगर वो ऐसा न करता तो अकबर की सेना महाराणा प्रताप को बंदी बना चुकी होती।