संतान प्राप्ति के लिए करें मां स्कंदमाता की पूजा और लगाए प्रिय भोग
punjabkesari.in Sunday, Oct 06, 2024 - 03:25 PM (IST)
नारी डेस्कः नवरात्रि के पांचवें दिन देवी दुर्गा के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। उन्हें मातृत्व के रूप में माना जाता है। मां के इस रूप की विधिवत पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही हर दुख-दर्द से छुटकारा मिलने के साथ सुख-समृद्धि मिलती है। आइए जानते हैं मां स्कंदमाता की पूजा विधि, प्रिय भोग, मंत्र, के बारे में जानते हैं जो लोग संतान प्राप्ति चाहते हैं उन्हें माता के इस स्वरूप की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए।
मां स्कंदमाता का स्वरूप
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता का स्वरूप काफी शुभ माना जाता है। मां की चार भुजाएं है जिसमें दो में कमल और एक हाथ में बालक स्वरूप कार्तिकेय जी और चौथे हाथ से आशीर्वाद देते देवी नजर आती हैं। मां कमल में विराजमान रहती हैं और मां का वाहन सिंह है।
मां स्कंदमाता पूजा विधि (Skandmata Mata Puja Vidhi)
मां दुर्गा और उनके स्वरूपों को फूल, माला, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, वस्त्र आदि चढ़ा दें और देसी घी कि दीपक जलाए । इसके बाद भोग में केला, केसर का भोग लगाए। घी का दीपक और धूप जलाकर मां दुर्गा चालीसा, मंत्र के साथ दुर्गा सप्तशती पाठ, स्कंदमाता मंत्र, स्तोत्र करने के बाद अंत में आरती कर लें।
स्कंदमाता का भोग (Skandmata Mata Bhog)
मां स्कंदमाता को पीले रंग की वस्तुएं प्रिय है इसलिए उन्हें केले, बेसन के लड्डू, केसर की खीर या फिर कोई अन्य पीली मिठाई अर्पित कर सकते हैं।
मां स्कंदमाता का प्रिय फूल
मां स्कंदमाता का प्रिय फूल कमल है। इसलिए इस दिन मां के चरणों में कमल अवश्य चढ़ाएं। आप पीले फूल भी अर्पित कर सकते हैं।
मां स्कंदमाता मंत्र (Skandmata Mata Mantra)
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया.
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥
मां स्कंदमाता का पूजा मंत्र है:
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः॥इस मंत्र का 108 बार जाप करें। सूर्य देव को जल जरुर चढ़ाए।