Lohri 2021: इसलिए मनाई जाती है लोहड़ी, जानिए इससे जुड़ी मान्यताएं

punjabkesari.in Tuesday, Jan 12, 2021 - 11:15 AM (IST)

कल यानि 13 जनवरी को लोग धूमधाम से लोहड़ी का त्योहार मनाएंगे। उत्तर भारत में तो लोहड़ी का त्योहार का खूब धूमधाम से मनाया जाता है। खासकर पंजाब, हरियाणा में। इसे मनाने के पीछे अलग-अलग मान्यताएं है। कोई इसे  दुल्ला भट्टी से जोड़कर मनाता है तो कोई होलिका से। लोहड़ी तो पंजाब के लोगों का सबसे  करीबी और पसंदीदा त्योहारों में से एक है। इस दिन परिवार वाले इकट्ठे होते हैं और लोहड़ी का त्योहार खूब धूमधाम से मनाते हैं। तो चलिए आज हम आपको लोहड़ी से जुड़ी कुछ मान्यताओं के बारे में बताते हैं। 

PunjabKesari

1. राजा दक्ष की पुत्री की याद में मनाई जाती है लोहड़ी 

बहुत सी जगहों पर लोहड़ी को मनाने के पीछे इसकी धार्मिक मान्यता भी है। दरअसल कुछ लोगों का मानना है कि यह आग राजा दक्ष की पुत्री सती की याद में जलाई जाती है। इसलिए बहुत सारे लोग लोहड़ी को इस मान्यता के साथ जोड़कर मनाते हैं। 

2. दुल्ला भट्टी से जोड़कर मनाया जाती है लोहड़ी 

ज्यादातर लोग लोहड़ी के त्योहार को दुल्ला भट्टी से जोड़कर मनाते हैं। दरअसल  मुगल शासक अकबर के समय में दुल्ला भट्टी पंजाब में गरीबों की मदद के लिए हमेशा से जाने जाते थे। दरअसल उस समय लड़कियों को बेच दिया जाता था ताकि वह अमीरों की गुलामी करें। दरअसल सुंदरी और मुंदरी दो अनाथ बहनें थी जिसकी मदद के लिए दुल्ला भट्टी आगे आया था। सुंदरी मुंदरी के चाचा ने उन्हें जमीदारों को सौप दिया था। इसके बाद दूल्हे ने उन्हें जमीदारों के चंगुल से छुड़ाकर लोहड़ी की इसी रात आग जलाकर उनकी शादी करवा दी थी और एक सेर शक्कर उनकी झोली में डालकर उन्हें विदाई की। इस घटना के बाद से ही लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है और इस दिन 'सुंदर-मुंदिरए' लोक गीत भी गाया जाता है। 

3. कईं जगहों पर लोहड़ी को कहा जाता है लोह

वहीं एक अन्य परंपरा के अनुसार बहुत सारी जगहों पर लोहड़ी को लोह भी बुलाया जाता है। दरअसल इसके पीछे भी एक कारण माना जाता है।  लोगों में ऐसी मान्यता है कि फसल कटने के बाद उससे जो अनाज की रोटियां बनाई जाती हैं उन्हें तवे पर सेका जाता है और तवा लोहे का होता है इसलिए लोहड़ी को बहुत सारी जगहों पर लोह कहा जाता है। 

PunjabKesari

4. होलिका के नाम पर भी मनाई जाती है लोहड़ी 

पौराणिक कथाओं की मानें तो लोहड़ी होलिका की बहन थीं। लोहड़ी अच्छी प्रवृत्ति वाली थीं। पंजाब में इसलिए लोग उनकी पूजा करते हैं। लोग मानते हैं कि होलिका की बहन बच गई थी, हालांकि होलिका खुद आग में जल कर मर गई। इसलिए लोग होलिका के नाम पर भी लोहड़ी मनाते हैं।

5. लोहड़ी को तिलोड़ी भी कहा जाता है 

वहीं कुछ स्थानों पर लोहड़ी को तिलोड़ी भी कहा जाता है। दरअसल यह शब्द तिल और रोड़ी यानी गुड़ को मिलाकर बना है लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे वैसे ही इसका नाम भी बदलता गया और अब  लोग इसे लोहड़ी ही कहते हैं। 

6. लोई नाम से भी पुकारा जाता है 

कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि लोहड़ी का नाम संत कबीर की पत्नी लोही के नाम पर पड़ा। इसलिए पंजाब के कुछ ग्रामीण इलाकों में इसे लोई भी कहा जाता है।

PunjabKesari

7. मानी जाती है नए साल की शुरूआत 

लोहड़ी किसानों के लिए सबसे महत्तवपूर्ण त्योहारों में से एक है।  इसका कारण है कि लोहड़ी के अगले दिन से नए साल की शुरूआत मानी जाती है और इसी अवसर पर किसान अपनी फसल की पूजा करते हैं। गन्ने की कटाई जाती है और उसके बाद उससे बने गुड़ को इस्तेमाल किया जाता है।

तो ये थी लोहड़ी से जुड़ी कुछ मान्यताएं। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Janvi Bithal

Recommended News

Related News

static