गाजा हिंसा के चलते 4 लाख महिलाओं और लड़कियों का जीवन हुआ तबाह, 900 औरतें हुई विधवा
punjabkesari.in Saturday, Oct 21, 2023 - 04:51 PM (IST)
संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को कहा कि गाजा में हिंसा के कारण अपने घरों से विस्थापित हुई 493,000 महिलाओं और लड़कियों में से अनुमानित 900 नई विधवाएं हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने हाल ही में जारी अध्ययन, ‘‘यूएन वूमेन रैपिड'' का हवाला देते हुए कहा, कि संयुक्त राष्ट्र महिलाओं ने अपने पुरुष साथी की मृत्यु के बाद घर की मुखिया बनने वाली महिलाओं की संख्या से विधवाओं की संख्या का अनुमान लगाया है।
आकलन में कहा गया है कि रिपोर्ट के आंकड़े संयुक्त राष्ट्र कार्यालय द्वारा मानवीय मामलों के समन्वय के लिए अपने रिलीफवेब पर 7 अक्टूबर के बाद से गाजा में हताहतों की गुरुवार की संख्या से आए हैं। अध्ययन में कहा गया है कि 3,785 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए और 12,500 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें से 53 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे है। ये आंकड़े सामने आने के बाद संयुक्त राष्ट्र ने कहा- यह जरूरी है कि हम औरतों और लड़कियों के लिए सेवाओं तक तत्काल पहुंच सुनिश्चित करें और लिंग आधारित हिंसा की रोकथाम सुनिश्चित करें।
वहीं दूसरी तरफ गाजा में रहने वाले बच्चों ने भीड़भाड़, अभाव, संघर्ष और खतरे के अलावा कभी कुछ नहीं देखा है। 18 साल हो गए हैं जब तत्कालीन इजरायली प्रधान मंत्री एरियल शेरोन ने सभी इजरायली निवासियों और सैन्य कर्मियों को गाजा पट्टी से हटा लिया था। पानी और भोजन की कमी अनिवार्य रूप से बच्चों को वयस्कों की तुलना में अधिक तुरंत और अधिक गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है। जो बच्चे बीमार पड़ जाते हैं या घायल हो जाते हैं वे ढहती स्वास्थ्य प्रणाली में इलाज की तलाश करते हैं, जहां हमले हो रहे हैं।
जो लोग अभी भी काम कर रहे हैं उन्हें दवा की भारी कमी के साथ-साथ असंभव स्तर की मांग का प्रबंधन करना पड़ रहा होगा। ऐसी परिस्थितियों में कई बच्चे गंभीर क्षति और मृत्यु की चपेट में आ सकते हैं। घनी आबादी वाले गाजा पट्टी इलाके में, इजरायली नाकाबंदी की स्थितियों के कारण बच्चों की स्वास्थ्य संबंधी ज़रूरतें तेजी से बढ़ी हैं। प्रत्यक्ष सैन्य हमलों के नियमित संपर्क से बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर असर पड़ता है।