क्या होती है Surrogacy, जिसे लेकर चर्चा बटोंर रहीं फिल्म "मिमी" की एक्ट्रेस कृति सेनन

punjabkesari.in Tuesday, Aug 03, 2021 - 11:26 AM (IST)

बॉलीवुड एक्ट्रेस कृति सेनन अपनी हालिया रिलीज फिल्म "Mimi" को लेकर खूब सुर्खियां बटौर रही हैं। इस फिल्म में कृति एक सेरोगेट मदर का किरदार निभा रही है। सेरोगेसी एक ऐसी तकनीक है, जिसके जरिए बांझ महिलाएं मां बनने का सुख पा सकती हैं। बहुत सी ऐसी महिलाएं है, जो किसी ना किसी प्रॉब्लम की वजह से मां नहीं बन पाती। ऐसे में सरोगेसी उनके लिए  किसी वरदान से कम नहीं। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर सेरोगेसी होती क्या है...

क्या हैं सेरोगेसी?

सेरोगेसी का मतलब होता है , किसी दूसरे के बच्चे को अपनी कोख में पालना। इसमें एक महिला बांझ दंपत्ति के बच्चे को अपनी कोख में पालती है और जन्म के बाद बच्चे को उन्हें सौंप देती है। इसके लिए वो पैसे चार्ज करती हैं और प्रेगनेंसी के दौरान दंपत्ति उसकी सेहत का पूरा ख्याल रखते हैं। आसान भाषा में कहे तो निःसंतान दंपत्ति किसी महिला की कोख किराए पर लेकर माता-पिता बनने सुख का प्राप्त करते हैं।

PunjabKesari

दो तरह की होती है सेरोगेसी
ट्रेडिशनल सेरोगेसी:

इसमें डॉक्टर्स IVF तकनीक के जरिए पुरुष का स्पर्म सेरोगेट महिला के एग्स से मैच करके यूट्रस में डालते हैं। इस स्थिति में बच्चे का जैनेटिक संबंध सिर्फ पिता से होता है।

जेस्टेशनल सरोगेसी:

इस विधि में माता-पिता दोनों के एग्स व स्पर्म को मेल टेस्ट ट्यूब के जरिए सेरोगेट महिला के यूट्रस में प्रत्यारोपित किया जाता है। इससे बच्चे का जे​नेटिक संबंध दोनों से होता है।

PunjabKesari

कौन होती है सेरोगेट मदर?

आमतौर पर सेरोगेट मदर ऐसी औरतें बनती हैं, जिनके खुद के बच्चे होते है। इससे उसे पता चल जाता है कि वो मां बनने में समर्थ हैं और उसकी कोख में बच्चे का संपूर्ण विकास हो सकता हैं। साथ ही यह भी देखा जाता है कि सेरोगेट महिला मानसिक रूप से तैयार है या नहीं। सेरोगेट महिला और दंपत्ति के बीच एक एग्रीमेंट होता है, जिसके तहत कानूनन माता-पिता वही होते हैं जिन्होंने सेरोगेसी करवाई हो।

…थोड़ा और विस्तार से ऐसे समझिए

सेरोगेसी में IVF तकनीक (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। फर्टिलाइजेशन का मतलब पुरुष के स्पर्म और महिला के एग्स का मिलना, जिससे भ्रूण तैयार होता है। इन विट्रो का मतलब ग्लास के अंदर यानि टेस्ट ट्यूब के अंदर इसलिए इस तकनीक को 'टेस्ट ट्यूब बेबी' भी कहा जाता है।

PunjabKesari

दंपत्ति कब ले सकते हैं सेरोगेसी की मदद?

- जब तमाम कोशिशों और इलाज के बावजूद महिला गर्भधारण ना कर पाए।
- कंसीव करने के बाद भी महिला का बार-बार गर्भपात हो रहा हो
- भ्रूण आरोपण उपचार के फैल्योर के बाद
-गर्भाशय या श्रोणि विकार होना
-हार्ट प्रॉब्लम, हाई ब्लड प्रेशर या अन्य गंभीर जेनेटिक हेल्थ प्रॉब्लम

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anjali Rajput

Recommended News

Related News

static