Sarva Pitru Amavasya: याद नहीं पितरों की पुण्य तिथि तो इस दिन करें उनका श्राद्ध

punjabkesari.in Monday, Sep 27, 2021 - 02:16 PM (IST)

शास्त्रों के अनुसार, पितरों का श्राद्ध जरूर करना चाहिए। इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही वे धरती पर मौजूद अपने बच्चों को आशीर्वाद देते हैं। इसके विपरित पूर्वजों का श्राद्ध ना करने से उनकी नाराजगी का सामना करना पड़ता है। इस कारण जीवन में परेशानियां झेलनी पड़ सकती है। श्राद्ध पितरों की पुण्य तिथि के मुताबिक ही किया जाता है। मगर किसी कारण कोई पितरों की पुण्य तिथि या उनका श्राद्ध करना भूल जाए तो वे सर्व पितृ अमावस्या के लिए इस कार्य को कर सकते हैं। चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में सर्व पितृ अमावस्या से जुड़ा धार्मिक महत्व एवं विधि बताते हैं...

सर्व पितृ अमावस्या का धार्मिक महत्व

सर्व पितृ अमावस्या तिथि हर साल आश्विन माह कृष्ण पक्ष की तिथि पर पड़ती है। यह पितृ पक्ष का आखिरी दिन होता है। इस बार यह तिथि 6 अक्तूबर को पड़ रही है। मान्यता है कि इस दिन पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही वे धरती पर मौजूद अपने बच्चों को आशीर्वाद देते हैं।

PunjabKesari

अगर ना पता हो पितरों की पुण्यतिथि

अगर आपको भी अपने पूर्वजों की पुण्यतिथि नहीं याद है तो आप सर्व पितृ अमावस्या तिथि को श्राद्ध कर सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सभी लोगों को खासतौर पर अपने भूले-बिसरे पितरों के लिए श्राद्ध करना चाहिए। ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सके। ब्रह्म पुराण के अनुसार, इस दिन पितरों का श्राद्ध करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होकर मनचाहा फल मिलता है।

सर्व पितृ अमावस्या तिथि पर करें ये काम

इस दिन ब्राह्मण को आदर-सम्मान सहित घर आने का आमंत्रण दें। फिर उन्हें भोजन खिलाएं। अपनी क्षमता के मुताबिक उन्हें कपड़े, अन्न, दक्षिणा का दान करें। मान्यता है कि ऐसा करने से श्राद्धकर्ता को पुण्य फल मिलता है। पितर का आशीर्वाद मिलने से जीवन में सुख-समृद्धि व खुशियों का आगमन होता है। ऐसे में जो लोग श्राद्ध के इन 15 दिनों में पितरों का श्राद्ध तर्पण आदि नहीं कर पाते हैं वे सर्व अमावस्या पर ये कार्य जरूर करें। इसके साथ ही पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन उनके नाम से दीपदान करें। मान्यता है कि इन दिन पवित्र नदी के किनारे दीपक जलाना शुभ होता है।

PunjabKesari

ऐसे मिलेगा पितरों का आशीर्वाद

ज्योतिषशास्त्र अनुसार, सर्व पितृ अमावस्या पितृ पक्ष का आखिरी दिन होता है। ऐसे में इसे पूर्वजों की विदाई का दिन भी माना जाता है। मान्यता है कि पितरों का श्राद्ध करने के बाद इस आखिर दिन में उनकी विधि-विधान से विदाई करनी चाहिए। इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में घर में सुख-समृद्धि, शांति व खुशियों का वास होता है। इसके साथ पूर्वज भी खुशी-खुशी अपने लोक को चले जाते हैं।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

neetu

Related News

static