जब खूनी कोठी से निकले थे बच्चों के कंकाल, आज भी मंजर याद कर कांप उठती है रूह
punjabkesari.in Wednesday, Jul 30, 2025 - 06:43 PM (IST)

नारी डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने 2006 के निठारी हत्याकांड मामले में आरोपी सुरेन्द्र कोली को बरी किये जाने के खिलाफ दायर 14 याचिकाओं को खारिज कर दिया। मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके घरेलू सहायक कोली पर उत्तर प्रदेश के निठारी में अपने पड़ोस के लोगों, खासकर बच्चों, के साथ बलात्कार और हत्या का आरोप था। निठारी कांड (Nithari Kand) भारत के इतिहास के सबसे भयावह और शर्मनाक आपराधिक मामलों में से एक है, जिसने साल पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।
क्या हुआ था निठारी में?
नोएडा के सेक्टर 31 की कोठी नंबर D-5 में रहने वाले मोनिंदर सिंह पंढेर पर 2005 से लेकर 2006 तक बच्चों की हत्या का आरोप था। उत्तर प्रदेश के निठारी गांव में दो साल से लगातार बच्चों और महिलाओं के गायब होने की खबरें मिल रही थीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया। वर्ष 2006 में एक घर के पीछे नाले से कई बच्चों के कंकाल मिलने से सनसनी फैल गई थी। निठारी में 19 लोगों की हत्या का मामला सामने आया था, जिनमें अधिकांश बच्चे थे। 24 दिसंबर 2006 को जब एक नाले की सफाई की जा रही थी, तो वहां कई नर कंकालों के अवशेष मिले।
नाले से मिली थी इंसानी हड्डियां
इस घटना के बाद मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरिंदर कोली को गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई को इंसानी हड्डियों के कुछ हिस्से और 40 इस तरह के पैकेट मिले थे जिनमें मानव अंगों को भरकर नाले में फेंका गया था। जांच में यह खुलासा हुआ कि बच्चों को लालच देकर एक घर में ले जाया जाता था, वहां उनकी हत्या, बलात्कार और कभी-कभी अंगभक्षण तक किया जाता था। इसके बादअवशेषों को घर के पीछे के नाले में फेंक दिया जाता था।

दोनों को मिली थी यह सजा
मोनिंदर सिंह पंधेर के घरेलू नौकर को अस्वाभाविक यौन प्रवृत्तियों और नरभक्षण के आरोपों में दोषी ठहराया गया। अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई थी।मो निंदर सिंह पंधेर को अपने ही घर में हुए इन अपराधों को लेकर सह-आरोपी माना गया था। शुरुआत मेंउसे निर्दोष कहा गया, लेकिन बाद में कुछ मामलों में फिर से दोषी ठहराया गया। 2023 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सबूतों की कमी के कारण दोनों को एक मामले में बरी कर दिया था, लेकिन बाकी मामलों में कार्यवाही अभी जारी है।
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