365 दिनों में सिर्फ नाग पंचमी के दिन खुलता है ये रहस्यमयी मंदिर, यहां विराजामन है नागाें का राजा
punjabkesari.in Tuesday, Jul 29, 2025 - 09:55 AM (IST)

नारी डेस्क: आज नाग पंचमी के अवसर पर मध्य प्रदेश के उज्जैन में नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट आधी रात को खुल गए।देशभर के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक यह मंदिर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की तीसरी मंजिल पर स्थित है और इसकी विशेषता यह है कि पूरे वर्ष में केवल एक बार, नागपंचमी के शुभ अवसर पर ही इसके द्वार खोले जाते हैं। माना जाता है कि नागों के राजा तक्षक स्वयं इस मंदिर में मौजूद हैं।
नाग पंचमी उत्सव से पहले, साल में एक बार खुलने वाले नागचंद्रेश्वर मंदिर में भक्तों के लिए पूजा-अर्चना की उचित व्यवस्था की गई है। महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह के ऊपर स्थित यह मंदिर हर साल नाग पंचमी के अवसर पर केवल 24 घंटे के लिए खुला रहता है। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया- भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट आज रात 12 बजे खुलेंगे और यह 24 घंटे पूजा-अर्चना के लिए खुला रहेगा। आज रात दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए पूरी व्यवस्था कर ली गई है। पेयजल, जूता स्टैंड और प्रसाद काउंटर की भी उचित व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त, मंदिर के रास्ते में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की गई है।
नागचंद्रेश्वर दर्शन के मद्देनजर, महाकाल मंदिर में त्रिवेदी द्वार से महाकाल लोक होते हुए प्रवेश की अनुमति होगी, जबकि द्वार संख्या 4 और गणेश द्वार से प्रवेश बंद रहेगा। नागचंद्रेश्वर मंदिर एक प्राचीन मंदिर है और यहां भगवान गणेश और कार्तिकेय के साथ शेषनाग पर विराजमान शिव-पार्वती की एक अत्यंत दुर्लभ मूर्ति स्थापित है। ऐसी मान्यता है कि यहां मंदिर में पूजा करने से शिव और पार्वती दोनों प्रसन्न होते हैं और सर्प भय दूर होता है।
नाग पंचमी पर नाग को दूध पिलाने की भी परंपरा है, इसलिए भक्त यहां नाग की मूर्ति पर दूध चढ़ाते हैं। नाग पंचमी, पारंपरिक रूप से श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। पूरे भारत में हिंदू धर्म में इस महीने का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। इस वर्ष यह 29 जुलाई को मनाया जाएगा। भक्त नाग देवता की पूजा करते हैं और अपने परिवार की खुशहाली और कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं।