आयुर्वेद से जुड़े ये 4 मिथ्स, जानें क्या है सच्चाई?

punjabkesari.in Monday, Mar 29, 2021 - 01:57 PM (IST)

आयुर्वेद का इतिहास आज से करीब 5000 साल पुराना है। साथ ही लोग इसे भी काफी मानते हैं। खासतौर पर कोरोना के समय में तो लोगों ने खासतौर पर इसे अपनाया। मगर आज भी कई लोग आयुर्वेदिक उपचारों को लेकर कुछ गलत धारणाएं यानी मिथ्स मानते हैं। तो चलिए आज हम आपको इससे जुड़े 4 मिथ्स व इसकी सच्चाई बताते हैं। 

मिथ 1- शरीर में गर्मी बढ़ने का कारण आयुर्वेदिक दवाई

सच- आयुर्वेदिक दवाई कई तरह के मसालों से बनाई जाती है। ऐसे में लोग इसे शरीर में गर्मी पैदा होने का कारण मानते हैं। मगर असल में, आयुर्वेदिक इलाज खासतौर पर त्रिदोष यानी वात, पित्त और कफ पर आधारित होता है। साथ ही ये तीनों चीजों हमारे शरीर में मौजूद होता है। ऐसे में व्यक्ति के इलाज के दौरान शरीर में इन तीनों चीजों में बैलेंस बनाया जाता है। ऐसे में इसे गर्म कहना गलत है। 

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मिथ 2- इन दवाओं की एक्सपायरी डेट नहीं होती

सच- बहुत से लोग इस धारणा को सही समझते हैं। मगर असल में, ये दवाएं भी एक समय के बाद काम करना बंद कर देती है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि इन की एक्सपायरी डेट होती है। हल्दी, घी व अन्य मसाले खराब नहीं होते हैं। ऐसे में इससे तैयार दवाई हमेशा सही रहती है। मगर कुछ जड़ी-बूटियों का असर कुछ देर ही रहता है। ऐसे में इससे तैयार दवाओं की एक्सरपायरी डेट मानी जा सकती है।

मिथ 3- आयुर्वेदिक दवाइयां देरी से करती असर 

सच- अक्सर लोगों का मानना है कि आयुर्वेदिक इलाज देरी से काम करता है। ऐसे में वे इससे उपचार करवाने से पहले बेहद सोचते हैं। मगर ऐसा सोचना गलत है। असल में, आयुर्वेदिक दवा बीमारी को जड़ से खत्म करने का काम करती है। ऐसे में कई बार आराम आने में समय लगता है। उदाहरण के तौर पर बुखार की स्थिति में एलोपैथी दवा शरीर में कंपन, तापमान बढ़ना आदि लक्षणों पर काम करती है। वहीं आयुर्वेद बुखार होने की वजह की थ्योरी पर काम करता है। मगर कब्ज आदि की समस्या में आयुर्वेदिक दवा जल्दी भी असर कर जाती है। 

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मिथ 4- आयुर्वेद को अवैज्ञानिक चिकित्सा प्रणाली समझना 

सच- लोग वैज्ञानिक व आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली को अलग-अलग समझते हैं। मगर असल में, आयुर्वेद मॉडर्न मेडिकल साइंस और प्राचीन चिकित्सा प्रणाली को बना कर तैयार की गई है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति आयुर्वेद शिक्षा लेने के साथ मानव शरीर की पूरी जानकारी हासिल करता है। इस तरह कोई भी व्यक्ति एमबीबीएस के साथ आयुर्वेद की पढ़ाई करता है। 


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neetu

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