शरद पूर्णिमा पर चावल की खीर से पाएं अमृत का आशीर्वाद, जानें बनाने का तरीका
punjabkesari.in Wednesday, Oct 16, 2024 - 02:46 PM (IST)
नारी डेस्क: शरद पूर्णिमा को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह वह रात होती है जब चंद्रमा अपनी पूरी शक्ति के साथ चमकता है और कहा जाता है कि इस रात चांदनी के साथ अमृत की वर्षा होती है। इस अवसर पर विशेष रूप से चावल की खीर बनाई जाती है, जिसे चांदनी के नीचे रातभर रखा जाता है। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात इस खीर में अमृत का अंश समाहित हो जाता है, जो इसे खास बनाता है।
शरद पूर्णिमा की खीर पूजा और स्वास्थ्य का संगम
शरद पूर्णिमा की खीर का न केवल धार्मिक, बल्कि स्वास्थ्य से भी गहरा संबंध है। माना जाता है कि इस रात में बनाई और चांदनी के नीचे रखी गई खीर का सेवन करने से स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह परंपरा कई सदियों से चली आ रही है और आज भी घर-घर में इसका पालन किया जाता है।
शरद पूर्णिमा पर चावल की खीर बनाने की रेसिपी
शरद पूर्णिमा की रात खास चावल की खीर बनाई जाती है, जिसे बनाना बहुत आसान है। आइए जानते हैं इस खीर को बनाने की विधि
सामग्री
1 कप चावल
1 लीटर दूध
1 कप चीनी
1/4 कप चिरौंजी
1/4 कप काजू-बादाम (बारीक कटे हुए)
2-3 इलायची (पिसी हुई)
1 चुटकी केसर (2 चम्मच दूध में भिगोई हुई)
विधि
पहला स्टेप
सबसे पहले, 1 कप चावल को अच्छे से धो लें और 15 मिनट तक पानी में भिगो दें। अब एक कुकर में चावल डालकर 1 कप से थोड़ा ज्यादा पानी डालें और 2-3 सीटी लगा लें। जब कुकर ठंडा हो जाए, तो चावल को हल्का मैश कर दें।
दूसरा स्टेप
अब एक गहरे बर्तन में दूध को उबालें और उसमें पके हुए चावल डालें। खीर को धीमी आंच पर तब तक पकाएं, जब तक चावल दूध में अच्छी तरह से घुल न जाए। बीच-बीच में खीर को चलाते रहें ताकि दूध तले में न लगे।
तीसरा स्टेप
जब खीर गाढ़ी हो जाए, तो उसमें चीनी डालकर मिलाएं। इसके बाद पिसी हुई इलायची, चिरौंजी, काजू और बादाम डालें। केसर वाले दूध को भी इसमें मिला दें और खीर को अच्छी तरह से पकने दें।
चांदनी में रखने की परंपरा
जब खीर पूरी तरह से तैयार हो जाए, तो इसे एक साफ बर्तन में निकालकर रातभर के लिए चांदनी के नीचे रखें। इसे किसी हल्की जाली या कपड़े से ढक दें ताकि चांद की रौशनी सीधे खीर पर पड़े। सुबह सबसे पहले इस खीर का सेवन करें या पूरे परिवार के साथ साझा करें।
शरद पूर्णिमा की खीर का विशेष महत्व
शरद पूर्णिमा पर बनाई गई इस खीर को न सिर्फ स्वाद के लिए बल्कि स्वास्थ्य लाभ के लिए भी खाया जाता है। इसे अमृतमयी खीर माना जाता है, जो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाती है।
शरद पूर्णिमा की खीर केवल एक मिठाई नहीं, बल्कि धार्मिक आस्था और स्वास्थ्य लाभ से जुड़ी परंपरा है। इसे बनाना जितना आसान है, इसका महत्व भी उतना ही गहरा है। इस शरद पूर्णिमा पर आप भी इस अमृतमयी खीर को बनाएं और अपने परिवार के साथ इसका आनंद लें।