Delhi Metro में बनाना है सफर को आसान, तो जरुर रखें इन बातों का ध्यान

punjabkesari.in Monday, Dec 26, 2022 - 02:26 PM (IST)

दिल्ली मेट्रो, एक ऐसी परियोजना है जिसने लोगों के राजधानी शहर में यात्रा करने के तरीके को बदल दिया है। ऐसे भीड़भाड़ वाले शहर में जहां हर दिन आबादी बढ़ रही है, दिल्ली मेट्रो यात्रियों के लिए राहत की तरह काम करती है। मेट्रो यात्रियों की लंबी दूरी को कम समय में पूरा करने में सक्षम है। इतने सारे स्टेशनों के साथ, मेट्रो अब दिल्ली एनसीआर के ज्यादातर क्षेत्रों को कवर करती है। लेकिन हर चीज में अगर कुछ अच्छाइयां हैं तो कुछ बुराइयां भी होती हैं, अगर आप रोजाना मेट्रो से सफर कर रहे हैं, तो यकीनन आपको पता होगा कि मेट्रो से जुड़ी कुछ चीजें हैं जिसकी वजह से लोगों का रोज दिमाग खराब होता है। चलिए आज हम आपको उनके बारे में बताते हैं।

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भीड़ भाड़ में लोग नहीं चलते तरीके से 

लोग असल में परेशान करने के लिए के हमेशा अलग-अलग तरीके ढूंढते हैं या फिर कुछ ऐसे होते हैं, जिन्हें केवल अपने कम्फर्ट का ख्याल होता है। मेट्रो में बात करना, जोर-जोर से हंसना, सीटों के लिए बेकार में लड़ना, अपने सामान को सही से न पकड़ना जैसी कई चीजें होती है, जिसकी वजह से और लोग परेशान होते हैं। भीड़ में चलने वाले लोगों को ये समझने की जरुरत है कि आपके अलावा और भी कई यात्री मेट्रो में सफर करते हैं, आपके व्यवाहर से उन्हें काफी परेशान हो सकती है। अगर आप भी मेट्रो में सफर करते हैं और रोज इस तरह की परेशानी का सामना करते हैं तो आपको हमारी सलाह है कि आप मेट्रो में कुछ ऐसा कोना पकड़ लें, जहां पर ये सब समस्या देखनी पड़े।

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ब्लू लाइन मेट्रो की स्पीड

ब्लू लाइन मेट्रो उन लाइनों में एक है जो दिल्ली एनसीआर की कई जगहों को कवर करती है, साथ ही स्टेशन पर काफी लेट भी आती है। ब्लू लाइन में काफी संख्या में स्टेशन है, ऐसे में लेट आने की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अगर आप कुछ इस तरह की समस्या से रोज लड़ रहे हैं तो हमारी सलाह है कि आप पीक टाइम से पहले निकलें, जब स्टेशन पर भीड़ कम देखने को मिलती है, या फिर पीक ऑवर खत्म होने के बाद निकलें।

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लाइन बदलने के लिए बहुत ज्यादा चलना पड़ता है

अगर आप पिंक से ब्लू लाइन बदलना चाहते हैं या फिर कुछ इसी तरह एक से दूसरी लाइन वाली मेट्रो स्टेशन तक जाना चाहते हैं तो उसके लिए यात्रियों को काफी चलना पड़ता है। अंदर की ही पैदल दूरी इतनी होती है कि लोगों के लिए मेट्रो बदलने का ख्याल डरा देता है। आप इसमें भी कुछ विकल्प ढूंढ सकते हैं, जो आपके लिए बेस्ट हो।

 


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Content Editor

Charanjeet Kaur

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