13 साल से कम उम्र के बच्चों को टिकटॉक और इंस्टाग्राम से रखें दूर, नहीं तो बाद में होगा पछतावा

punjabkesari.in Sunday, Feb 19, 2023 - 12:02 PM (IST)

सर्जन जनरल की मानें तो 13 वर्ष की आयु सोशल मीडिया से जुड़ने के लिए बहुत छोटी है।  यह युवाओं के "आत्म-मूल्य और उनके रिश्तों" के लिए जोखिम पैदा करता है। उनका कहना है कि आंकड़ा देखा है, उसके आधार पर यह पाया कि 13 वर्ष की आयु बहुत कम है...सोशल मीडिया का अक्सर विकृत रहने वाला वातावरण उन बच्चों को नुकसान पहुंचाता है। 


क्या 13 वर्ष की आयु बहुत छोटी है?

जब बात अपने बच्चों और सोशल मीडिया अकाउंट के बारे में हो तो माता-पिता को क्या सोचना चाहिए?  ट्विटर, इंस्टाग्राम, फेसबुक और टिकटॉक सहित प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए उपयोगकर्ताओं की आयु कम से कम 13 साल होनी चाहिए।। यह न्यूनतम आयु आवश्यकता 1998 के अमेरिकी कानून से उपजी है, जिसने माता-पिता की सहमति के बिना बच्चों के व्यक्तिगत डेटा के संग्रह पर प्रतिबंध लगा दिया था। कई माता-पिता, स्कूल और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के लिए, यह न्यूनतम आयु एक मानदंड बन गई है। बहुत से लोग मानते हैं कि यह निहित आश्वासन के साथ आता है कि 13 वर्ष की आयु पूरी कर लेने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बच्चों के लिए उपयुक्त और सुरक्षित हैं। इसके विपरीत वे यह भी मानते हैं कि वे 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए असुरक्षित हैं। 

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 सबूत क्या कहते हैं?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म युवाओं के लिए कुछ जोखिम पेश करते हैं। इनमें ऑनलाइन डराना-धमकाना और उत्पीड़न, गलत सूचना और अनुचित सामग्री के संपर्क में आना, निजता का उल्लंघन और अत्यधिक उपयोग शामिल हैं। अध्ययन सोशल मीडिया और खराब मानसिक स्वास्थ्य और आत्मसम्मान में कमी के बीच संबंध का दावा करते हैं। ये निष्कर्ष चिंताजनक हैं और इसमें कोई संदेह नहीं है कि सोशल मीडिया कुछ युवाओं की भलाई को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। 


तो क्यों न हम उम्र ही बढ़ा दें?

सर्जन जनरल मानते हैं कि बच्चों को उनके उपकरणों और सोशल मीडिया से दूर रखना मुश्किल है। हालांकि वह सुझाव देते हैं कि माता-पिता एक साथ आयें और यह कहें कि एक समूह के रूप में, हम अपने बच्चों को 16 या 17 या 18 वर्ष की आयु तक सोशल मीडिया का उपयोग करने की अनुमति नहीं देंगे। हालांकि उम्र में कोई भी वृद्धि - चाहे औपचारिक हो या अनौपचारिक - जरूरी नहीं कि बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षित रखे। बच्चे आसानी से अपनी उम्र को गलत उल्लेखित करके (कई पहले से ही ऐसा करते हैं)। युवा रचनात्मक और गुप्त तरीके खोजने में अच्छे होते हैं। 

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माता-पिता सिर्फ ना क्यों नहीं कह सकते?

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों द्वारा अक्सर यह सुझाव दिया जाता है कि माता-पिता बस ना कहें। इस संदेश को ब्रिटिश अभिनेत्री केट विंसलेट जैसे प्रसिद्ध टिप्पणीकारों ने बल दिया है, जिन्होंने हाल ही में ऐ इंटरव्यू में बताया- ‘‘मेरे बच्चों के पास सोशल मीडिया नहीं है।'' हालांकि ये दृष्टिकोण छोटे बच्चों के मामले में काम कर सकते हैं, लेकिन बड़े बच्चों के आसानी से पालन करने की संभावना नहीं है। व्यापक प्रतिबंध और पाबंदियां न केवल पारिवारिक संघर्ष का कारण बनते हैं, बल्कि बच्चों द्वारा माता-पिता की सहमति या जानकारी के बिना सोशल मीडिया का उपयोग करने की आशंका होती है। यह एक समस्या है क्योंकि माता-पिता बच्चों को अक्सर ऑनलाइन मामलों में मदद करते हैं। यदि किसी बच्चे का माता-पिता की अनुमति के बिना सोशल मीडिया अकाउंट है, तो ऑनलाइन समस्या होने पर, मुसीबत में पड़ने वह इस भय के चलते माता-पिता से मदद नहीं मांगेगा कि उसका उपकरण छिन लिया जाएगा। 

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बच्चों को भी ऑनलाइन रहने का अधिकार है

ऑनलाइन होने के संभावित लाभ के चलते जोखिमों के बारे में चर्चा की अनदेखी कर दी जाती है। सोशल मीडिया कई युवाओं के लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है। यह उन्हें दोस्तों और विस्तारित परिवार से जोड़े रखता है, रचनात्मकता और आत्म-अभिव्यक्ति के लिए एक मंच प्रदान करता है और नागरिक भागीदारी और सक्रियता को सक्षम बनाता है।


(कैथरीन पेज जेफ्री, लेक्चरर इन मीडिया एंड कम्युनिकेशंस, यूनिवर्सिटी आफ सिडनी)


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Content Writer

vasudha

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