42 की उम्र में मां बनने जा रहीं कैटरीना कैफ,जानिए 40+ में प्रेग्नेंसी से जुड़े रिस्क
punjabkesari.in Wednesday, Sep 24, 2025 - 04:54 PM (IST)

नारी डेस्क: बॉलीवुड की खूबसूरत और टैलेंटेड एक्ट्रेस कैटरीना कैफ इन दिनों अपनी प्रेग्नेंसी को लेकर सुर्खियों में हैं। उन्होंने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर एक प्यारी सी तस्वीर शेयर की, जिसमें वह अपना बेबी बंप फ्लॉन्ट करती नज़र आ रही हैं। उनके फैंस इस खबर से बेहद खुश हैं और उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं दे रहे हैं। लेकिन इसी के साथ एक सवाल भी उठता है क्या 40 साल से ज्यादा की उम्र में प्रेग्नेंसी सुरक्षित होती है? क्योंकि मेडिकल साइंस के मुताबिक, यह उम्र प्रेग्नेंसी के लिहाज़ से थोड़ी जटिल मानी जाती है। आइए, इस विषय को समझते हैं इंसानी पहलुओं के साथ, ताकि हर महिला सही फैसला ले सके।
40 की उम्र के बाद क्यों बढ़ जाता है प्रेग्नेंसी का रिस्क?
जैसे-जैसे महिला की उम्र बढ़ती है, शरीर में प्रजनन क्षमता (fertility) धीरे-धीरे कम होने लगती है। आमतौर पर 30 के बाद यह बदलाव शुरू हो जाता है, और 35 के बाद इसकी रफ्तार तेज हो जाती है। जब महिला 40 पार कर जाती है, तो अंडाणुओं (eggs) की गुणवत्ता और संख्या दोनों कम हो जाती हैं। इसका सीधा असर गर्भधारण पर पड़ता है। इस उम्र में महिला के शरीर में हार्मोनल बदलाव तेज़ी से होते हैं, जिससे कंसीव करना मुश्किल हो सकता है। और अगर गर्भधारण हो भी जाए, तो उसे नौ महीने तक हेल्दी तरीके से बनाए रखना आसान नहीं होता।
गर्भपात और अन्य जटिलताओं का खतरा ज़्यादा क्यों होता है?
डॉक्टरों के मुताबिक, 40 की उम्र के बाद प्रेग्नेंसी को “हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी” माना जाता है। इसका मतलब है कि इसमें कई संभावित खतरे जुड़े होते हैं, जिनमें से सबसे बड़ा खतरा होता है गर्भपात (miscarriage)। इसके अलावा, बढ़ती उम्र के साथ मोटापा, ब्लड प्रेशर, और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है, जो प्रेग्नेंसी को और जटिल बना देती हैं। कई बार महिलाओं को नॉर्मल डिलीवरी की जगह सी-सेक्शन सर्जरी करानी पड़ती है, जिससे रिकवरी में ज्यादा समय लगता है और शरीर पर ज़ोर भी ज्यादा पड़ता है।
बच्चे की सेहत पर क्या असर पड़ सकता है?
यह सिर्फ मां की सेहत का मामला नहीं है, बल्कि बच्चे की सेहत भी इस उम्र में एक बड़ी चिंता होती है। डॉक्टर्स बताते हैं कि 40 की उम्र के बाद गर्भवती महिलाओं के बच्चे को कुछ जेनेटिक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इनमें सबसे आम हैं डाउन सिंड्रोम, टाइप 1 डायबिटीज, और कुछ मामलों में मेंटल डिसऑर्डर या थायरॉइड से जुड़ी समस्याएं। हालांकि यह ज़रूरी नहीं कि हर प्रेग्नेंसी में ऐसा हो, लेकिन रिस्क की संभावना ज़रूर रहती है। आंकड़ों के मुताबिक, इस उम्र में प्रेग्नेंसी में लगभग 150 में से 1 बच्चे को किसी न किसी तरह की जेनेटिक परेशानी हो सकती है।
क्या 40 की उम्र के बाद मां बनना मुमकिन है?
जी हां, बिल्कुल मुमकिन है। मेडिकल साइंस की तरक्की ने आज ऐसे कई रास्ते खोल दिए हैं जिससे 40 की उम्र के बाद भी महिलाएं सेफ प्रेग्नेंसी प्लान कर सकती हैं। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि महिला अपनी सेहत को लेकर पूरी तरह सतर्क रहे। हर महिला का शरीर, उसकी हेल्थ हिस्ट्री और मेडिकल कंडीशन अलग होती है। इसलिए यह ज़रूरी है कि प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले एक अनुभवी गायनेकोलॉजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ) से पूरी जांच करवाई जाए और उनकी सलाह के अनुसार आगे बढ़ा जाए।
इस उम्र में अगर कंसीव करना हो तो किन बातों का रखें ध्यान?
अगर आप या कोई महिला 40 की उम्र के बाद मां बनने की सोच रही है, तो उसे कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान ज़रूर रखना चाहिए
नियमित हेल्थ चेकअप: प्रेग्नेंसी के दौरान और उससे पहले नियमित रूप से डॉक्टर से मिलना बहुत ज़रूरी है।
संतुलित आहार: प्रोटीन, आयरन, फोलिक एसिड और अन्य न्यूट्रिएंट्स से भरपूर खाना जरूरी है।
पूरी नींद और कम तनाव: नींद पूरी लें और मानसिक तनाव से खुद को दूर रखने की कोशिश करें।
एक्सरसाइज और योग: डॉक्टर की सलाह से हल्की-फुल्की फिजिकल एक्टिविटी या योग करना फायदेमंद होता है।
बीमारियों पर काबू: अगर पहले से डायबिटीज, थायराइड या हाई बीपी जैसी समस्याएं हैं, तो उन्हें कंट्रोल में रखें।
40 के बाद मां बनना आजकल आम होता जा रहा है, लेकिन इसके साथ सावधानी और जागरूकता जरूरी है। सही समय पर टेस्ट कराना, डॉक्टर से सलाह लेना और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना ये सभी चीज़ें मां और बच्चे दोनों की सेहत को सुरक्षित रख सकती हैं।
Disclaimer: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी मेडिकल निर्णय से पहले अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।