बेगम Kareena खाती हैं मुगलों के जमाने की Dish, वजन कंट्रोल रखने का बेस्ट तरीका

punjabkesari.in Friday, Sep 20, 2024 - 08:22 PM (IST)

नारी डेस्कः बॉलीवुड की बेबो यानि हमारी करीना कपूर खान (Kareena Kapoor Khan) के फैशन ही बल्कि फिटनेस के भी चर्चे होते हैं। करीना 43 साल (Kareena Kapoor Khan age) की हो गई है लेकिन आज भी उनके चेहरे पर नूर बरकरार है और फैशन के मामले में तो पूरे बॉलीवुड में उनका मुकाबला नहीं। लाइफस्टाइल की बात करें तो पंजाबी कपूर फैमिली की लाडली, परिवार की तरह फूडी है। इंडियन फूड में देसी घी, दाल चावल बहुत पसंद करती हैं। देसी खाने में वो एक ऐसी चीज का सेवन करती हैं जिनका इतिहास महाभारत से लेकर मुगलों तक के साथ जुड़ा है।

करीना खाती हैं हैल्दी खिचड़ी/ Khichdi Benefits

चलिए आपको करीना कपूर का वहीं सीक्रेट बता देते हैं। बेबो अपनी डाइट (Diet) में इसे शामिल करती ही रहती है और वो फूड है खिचड़ी। हेल्थ एक्सपर्ट भी दिन में एक बार खिचड़ी खाने की सलाह देते हैं क्योंकि ये हल्की और पोष्क तत्वों से भरपूर होती हैं। इससे वजन भी कंट्रोल (Weight Loss) में रहता है। देसी घी के साथ तैयार की गई चावल और मूंग दाल की खिचड़ी काफी हैल्दी मानी जाती है। देसी खिचड़ी के अलावा करीना जमकर एक्सरसाइज करती हैं, हरी सब्जियां सूप भी खाती हैं।
PunjabKesari, kareena kapoor khan, Khichdi benefits

हजारों साल पुराना है खिचड़ी का इतिहास

खिचड़ी का इतिहास, हजारों साल पुराना है। कहा तो ये भी जाता है कि खिचड़ी इतनी प्राचीन डिश है महाभारत से लेकर मुगल युग तक, लोग इसका सेवन करते थे। महाभारत में भी इसका संदर्भ मिला है।  महाभारत (Mahabharat ) में कहा गया है कि द्रौपदी ने पांडवों को उनके वनवास के दौरान खिचड़ी खिलाई थी। इसके अलावा, भगवान कृष्ण ने खिचड़ी के बचे हुए एक चावल के दाने को खाकर भूखे ऋषि दुर्वासा की भूख को शांत किया था।

सुदामा और खिचड़ी की कहानी

भगवान कृष्ण के बचपन के मित्र सुदामा भी खिचड़ी से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी के पात्र हैं। सुदामा जब वृन्दावन से द्वारका भगवान कृष्ण से मिलने गए, तो वे दो पोटली (बंडल) ले गए, जिनमें से एक में खिचड़ी और दूसरे में चावल थे। यात्रा के दौरान, एक बंदर ने खिचड़ी वाली पोटली छीन ली। सुदामा ने केवल चावल भगवान कृष्ण को दिए, और बदले में भगवान ने उनका घर धन-धान्य से भर दिया।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by Nari (@nari.kesari1)

इब्न बतूता और मुगलों के समय में खिचड़ी का जिक्र

मोरक्को के यात्री इब्न बतूता ने 1350 के आसपास भारत यात्रा के दौरान खिचड़ी का जिक्र किया। उन्होंने इसे "किश्री" कहा और बताया कि यह चावल और मूंग की दाल से बनाया जाता था और मक्खन के साथ खाया जाता था। 15वीं शताब्दी में रूसी यात्री अफानसी निकितिन ने भी खिचड़ी का जिक्र किया। मुगल काल में खिचड़ी बहुत लोकप्रिय थी। अकबर इसे बहुत पसंद करते थे और उनके दरबारी अबुल फज़ल प्रतिदिन 30 मन खिचड़ी बनाते थे। जहांगीर ने इसे "लज़ीज़न" नाम दिया था, और औरंगज़ेब रमज़ान के दौरान खिचड़ी का आनंद लेते थे।

PunjabKesari, khichdi, nari punjabkesari

खिचड़ी और ब्रिटिश राजपरिवार

दिलचस्प बात यह है कि खिचड़ी इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया के पास भी गई थी। उन्हें खिचड़ी का स्वाद तब मिला जब उनके उर्दू शिक्षक मुंशी अब्दुल करीम ने उन्हें खिचड़ी की पेशकश की। हालांकि इन सब में कितनी सच्चाई है ये तो हम नहीं जानते लेकिन हां खिचड़ी होती बहुत हैल्दी है।इंग्लैंड में एंग्लो-इंडियन व्यंजन "केडगेरी" का आधार भी खिचड़ी से प्रेरित है।

बाबा गोरखनाथ और मकर संक्रांति

खिचड़ी बनाने और खाने की एक परंपरा मकर संक्रांति से भी जुड़ी है। बाबा गोरखनाथ ने नाथ योगियों को दाल, चावल, और सब्जियों को एक साथ मिलाकर पकाने का सुझाव दिया, जिससे उन्हें जल्दी भोजन मिल सके। तभी से मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनाने की परंपरा शुरू हुई।

खिचड़ी के चार यार

भारत में खिचड़ी को आमतौर पर पापड़, घी, दही, और अचार के साथ खाया जाता है। इसे बच्चे के पहले भोजन से लेकर बीमार व्यक्ति के लिए पौष्टिक भोजन के रूप में परोसा जाता है। खिचड़ी को एक सरल, हल्का लेकिन पोषक आहार माना जाता है, जो विभिन्न अवसरों पर बनती और खाई जाती है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vandana

Related News

static