सलाम: लोगों को गड्ढे में गिरने से बचाने के लिए 7 घंटे बारिश में खड़ी रही "कांता ताई"
punjabkesari.in Monday, Aug 17, 2020 - 01:12 PM (IST)
जहां एक तरफ देश कोरोना की मार झेल रहा है वहीं दूसरी तरफ गरीब लोगों को तेज बारीश-तूफान के कारण भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मगर, इसी बीच एक दिल छू लेने वाली कहानी भी सामने आई है, जब एक महिला ने अपनी सेहत व जान की परवाह ना करते हुए दूसरों लोगों की सेफ्टी के बारे में सोचा।
दरअसल, बारिश के कारण मुंबई का बेहाल हो गया है। आलम यह है कि मुंबई की सड़कों पर घुटनों तक पानी भर चुका है, जिसके कारण गड्डे भी दिखाई नहीं दे रहे। ऐसे में 50 साल की उम्र की कांता मूर्ति कलन 7 घंटे बारीश में खड़ी रहीं, ताकि लोगों को गड्ढे में गिरने से बचा सके। कांता मूर्ति तब बारीश में खड़ी लोगों को आगाह करती रहीं, जब तक वहां म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के लोग नहीं पहुंचें।
Mumbai survives & thrives because of heroes like her. She stood there at an open manhole on a busy Matunga road to warn drivers passing through the road. Salute! #Mumbai #MumbaiRains pic.twitter.com/R3trbKJmFd
— Vibhinna Ideas (@Vibhinnaideas) August 7, 2020
लोगों को गड्ढे में गिरने से बचाने के घंटे बारिश में रही खड़ी
खबरों के अनुसार, बारिश के कारण सड़कों पर पानी भरने लगा था। जब कांता मूर्ति ने देखा कि BMC वर्कर्स मदद के लिए यहां नहीं है तो उन्होंने पानी निकालने के लिए सड़क पर बने मैनहोल को खोल दिया था। मगर, जब उन्हें लगा इससे लोग हादसे का शिकार हो सकता है तो वह मैनहोल का ढक्कन खोलने के बाद वहीं खड़ी हो गई। वह सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर के 1 बजे तक ट्रैफिक कंट्रोल करती रहीं।
यही नहीं, वह मैनहोल के पास से गुजरने वाली गाड़ियों व लोगों को भी अलर्ट करती रहीं, ताकि कोई हादसा ना हो। जब उनसे पूछा गया कि मेनहोल क्यों खोला? तो उन्होंने कहा, "मुझे उस वक्त जो सही लगा मैनें किया। मेरे पास इसके अलावा कोई उपाय नहीं था। जब बाढ़ का पानी बह रहा था तब किसी ने भी मेरी मदद नहीं की।"
7 घंटे रहीं भूखी-प्यासी लेकिन लोगों को किया अलर्ट
7 घंटे तक भूखे-प्यासे बारिश में खड़ी कांता ताई के इस सहारनीय काम की खूब तारीफ हो रही है। स्थानीय निवासी और पुलिस वालों ने उनका टूटा घर बनाने में भी मदद की। यही नहीं, उन्हें करीब 1.5 रुपए भी दान में दिए गए।
कौन है कांता ताई?
50 साल की कांता मूर्ति कलन मुंबई के माटुंगा स्टेशन के बाहर फुटपाथ पर रहती हैं। 15 साल पहले उनके पति एक ट्रेन एक्सीडेंट के कारण पैरालाइज्ड हो गए। फिलहाल वह कांता ताई से अलग वाशी नाका में रहते हैं। उनके 8 बच्चे हैं, जिसमें से 5 की शादी हो चुकी है। वहीं बाकी 3 बच्चों की परवरिश के लिए दादर मार्केट में फूल बेचती हैं।
बारीश में बह गए बेटी की पढ़ाई के पैसे
यही नहीं, फूल बेचकर और मेहनत मजदूरी कर उन्होंने अपनी बेटी को खूब पढ़ाया लिखाया भी। उन्होंने बेटी की पढ़ाई के लिए 10,000 रुपए जमा किए गए थे लेकिन तेज बारीश के कारण उनकी जमा पूंजी पानी में बह गई। हालांकि उम्मीद है कि लोगों द्वारा दान की गई पूंजी से उन्हें कुछ मदद मिलेगी।