उस 7 मिनट की मुश्किल घड़ी को पार कर धरती पर पहुंची सुनीता, काश कल्पना चावला का सफर भी हो जाता पूरा
punjabkesari.in Wednesday, Mar 19, 2025 - 11:56 AM (IST)

नारी डेस्क: नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स यूं तो पहले भी दो बार अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जा चुकी हैं लेकिन शायद ही उन्होंने यह कल्पना की होगी कि तीसरी बार अंतरिक्ष में जाने के बाद उन्हें वापसी के लिए लंबा इंतजार करना होगा और यह घटना इतिहास के पन्नों में दर्ज होगी। नासा के अंतरिक्षयात्री बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स नौ महीने अंतरिक्ष में रहने के बाद भारतीय समयानुसार बुधवार तड़के पृथ्वी पर लौट आए। हालांकि इस दौरान एक ऐसा वक्त भी आया जब उनके लौटने की उम्मीदें कम होने लगी थी।
सुनीता विलियम्स और बच विल्मोर ने दो अन्य अंतरिक्षयात्रियों के साथ स्पेसएक्स यान पर सवार होकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को अलविदा कहा। भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स की यह तीसरी अंतरिक्ष उड़ान थी और उन्होंने अंतरिक्ष में कुल 608 दिन बिताए हैं। एस्ट्रोनॉट्स को लेकर आ रहे एयरक्राफ्ट ने जैसे ही धरती के वायुमंडल में प्रवेश किया तो उसका टेंपरेचर 1600 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा हो गया जिसके चलते 7 मिनट के लिए कम्युनिकेशन ब्लैकआउट हो गया। स्पेसक्राफ्ट से कॉन्टैक्ट टूटने पर अंतरिक्ष एजेंसी नासा की सांसे फूल गई। हालांकि 7 मिनट बाद ही करीब 3.20 बजे स्पेसक्राफ्ट से संपर्क फिर से बहाल हुआ।
इस घटना ने हमें उस दर्दनाक हादसे की याद दिला दी जिसमें भारत ने अपनी बेटी कल्पना चावला को खो दिया था। जब कल्पना का अंतरिक्ष यान कोलंबिया शटल STS-107 धरती से महज 16 मिनट की दूरी पर था तब वह विस्फोट हो गया था। इस भीषण धमाके की गूंज लाखाें लोगों ने सुनी थी। आज जब सुनीता धरती की ओर बढ़ रही थी तब करोड़ों लोगों की बस यही दुआएं थी कि वह सुरक्षित वापिस आ जाए । अब सुनीता की वापसी हमें कल्पना चावला के अधूरे सफर की याद दिला रही है।
सितंबर में 60 साल की होने वाली विलियम्स, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करने वाली दूसरी भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं। पहली कल्पना चावला थीं। विलियम्स से कुछ ही साल बड़ी चावला की 2003 कोलंबिया अंतरिक्ष शटल दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। सुनीता के पिता दीपक पांड्या गुजरात के मेहसाणा जिले के झूलासन से ताल्लुक रखते हैं तथा मां मां उर्सुलाइन बोनी पांड्या स्लोवेनिया से हैं। अपनी बहु-सांस्कृतिक जड़ों पर गर्व करते हुए विलियम्स अपने साथ अंतरिक्ष में अपनी विरासत के प्रतीक ले जा चुकी हैं, जिनमें समोसे, स्लोवेनियाई ध्वज और भगवान गणेश की मूर्ति शामिल हैं। विलियम्स के नाम संबंधित मिशन क्रम में अब 62 घंटे और नौ मिनट का अतिरिक्त सक्रिय समय दर्ज है, जिससे उन्होंने पूर्व अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन के 60 घंटे और 21 मिनट के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है।