क्या छह महीने से छोटे बच्चों को पानी नहीं देना चाहिए? जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ

punjabkesari.in Wednesday, Mar 12, 2025 - 06:41 PM (IST)

नारी डेस्क: जब भी नया बच्चा घर में आता है, तो हर माँ-पापा की पहली चिंता यही होती है कि उनका बच्चा सही से बढ़े और स्वस्थ रहे। इस दौरान बहुत सी छोटी-छोटी बातें दिमाग में आती हैं, जैसे कि बच्चे को कब और क्या खाना या पीना देना चाहिए। हाल ही में एक सवाल बहुत सुना जा रहा है - "क्या छह महीने से छोटे बच्चों को पानी नहीं देना चाहिए?" ऐसा कहा जाता है कि इस उम्र में बच्चों को पानी देना ठीक नहीं होता। अब सवाल यह है कि क्या सच में ऐसा करना सही है? आइए, इस पर एक नज़र डालते हैं और समझते हैं कि इसका क्या कारण है।

शिशु के लिए मां का दूध ही सबसे अच्छा

छह महीने से छोटे बच्चों के लिए सबसे अच्छा आहार मां का दूध होता है। मां का दूध न केवल बच्चे की भूख को शांत करता है, बल्कि यह बच्चे के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व, विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीबॉडी भी प्रदान करता है। इसमें पानी भी एक महत्वपूर्ण घटक होता है, जो बच्चे की हाइड्रेशन को बनाए रखता है। मां के दूध में 87% पानी होता है, जो शिशु की हाइड्रेशन की जरूरतों को पूरी तरह से पूरा कर देता है। इसलिए इस उम्र में अतिरिक्त पानी की जरूरत नहीं होती है।

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बच्चों के पेट की छोटी क्षमता

छह महीने से छोटे बच्चों का पेट बहुत छोटा होता है और उनकी पाचन क्षमता भी पूरी तरह से वि
कसित नहीं होती है। जब आप पानी देते हैं, तो बच्चे का पेट पानी से भर सकता है, जिससे वह पर्याप्त मात्रा में मां का दूध नहीं पी पाता। इससे बच्चे को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जो उसके विकास के लिए जरूरी हैं।

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पानी से बच्चे को हो सकता है "वाटर टॉक्सिसिटी" का खतरा

छोटे बच्चों को बहुत ज्यादा पानी देने से "वाटर टॉक्सिसिटी" (Water Intoxication) का खतरा हो सकता है। यह तब होता है जब बच्चे का शरीर ज्यादा पानी का सेवन कर लेता है, जिसके कारण शरीर में सोडियम (Salt) की मात्रा कम हो जाती है। इससे बच्चे को मस्तिष्क में सूजन, ऐंठन, उल्टी, और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

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शिशु के गुर्दे (किडनी) की क्षमता

छोटे बच्चों के गुर्दे (किडनी) पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं और वे अतिरिक्त पानी को सही से बाहर नहीं निकाल पाते। यदि शिशु को अधिक पानी दिया जाए, तो यह उसके गुर्दों पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है और उसके शरीर में पानी का असंतुलन पैदा हो सकता है।

छह महीने के बाद पानी देना

विशेषज्ञ यह मानते हैं कि जब बच्चा छह महीने का हो जाता है, तब उसकी पाचन क्षमता थोड़ी बेहतर हो जाती है। इस उम्र के बाद, बच्चे को धीरे-धीरे ठोस आहार (solid food) के साथ पानी देना शुरू किया जा सकता है। आमतौर पर छह महीने के बाद पानी, सूप या जूस जैसे तरल पदार्थ बच्चों को दिए जा सकते हैं, लेकिन इसके साथ ही मां का दूध और फार्मूला मिल्क भी जारी रखना चाहिए।

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डिहाइड्रेशन का जोखिम

कभी-कभी माता-पिता की चिंता होती है कि बच्चा पानी नहीं पी रहा है, तो वह डिहाइड्रेटेड हो सकता है। लेकिन छह महीने से छोटे बच्चों में यह समस्या बहुत ही कम देखने को मिलती है, क्योंकि मां का दूध ही बच्चों की हाइड्रेशन की जरूरत पूरी करता है। अगर किसी कारणवश बच्चा डिहाइड्रेटेड हो जाता है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है।

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कुल मिलाकर, यह कहना बिल्कुल सच है कि छह महीने से छोटे बच्चों को पानी नहीं देना चाहिए। इस उम्र में मां का दूध बच्चे के लिए सबसे अच्छा है और वह सभी जरूरी पोषक तत्वों, पानी और एंटीबॉडीज़ को प्रदान करता है।

डिस्कलेमर: अगर आपको बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर किसी भी प्रकार की चिंता हो, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। 


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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