आयरलैंड में इंसानियत शर्मसार! ''तुम भारतीय हो'' कहकर भीड़ ने कपड़े उतारे, ब्लेड से किया हमला, नस्लीय नफरत की हदें पार

punjabkesari.in Wednesday, Jul 23, 2025 - 02:18 PM (IST)

नारी डेस्क: बेहतर जिंदगी की तलाश में सात समंदर पार जाकर बसने वाले लोगों के लिए आयरलैंड से एक बेहद दुखद और डराने वाली खबर सामने आई है। आयरलैंड की राजधानी डबलिन में एक भारतीय नागरिक पर दिनदहाड़े बेहद हिंसक और अमानवीय हमला किया गया। यह व्यक्ति महज़ एक हफ्ता पहले ही डबलिन पहुंचा था और तभी उसके साथ यह दर्दनाक घटना हुई। करीब 13 लोगों की भीड़ ने उसे घेर लिया, उसके कपड़े फाड़ दिए, ब्लेड से हमला किया और उसे बुरी तरह जख्मी और अपमानित कर दिया। इतना ही नहीं, उसके खिलाफ एक झूठा और शर्मनाक आरोप भी लगाया गया जिसे बाद में आयरिश पुलिस ने गलत बताया।

झूठी अफवाह बनी हिंसा की वजह

यह हमला डबलिन के पार्क हिल रोड, टैलाघ्ट इलाके में हुआ। भारतीय व्यक्ति के खिलाफ भीड़ को झूठी अफवाह के ज़रिए भड़काया गया। कहा गया कि वह बच्चों के सामने अनुचित व्यवहार कर रहा था। हालांकि, आयरिश पुलिस (गार्डा) ने इस आरोप को पूरी तरह खारिज करते हुए साफ कहा कि यह महज़ अफवाह थी। पुलिस ने बताया कि यह अफवाह कुछ दक्षिणपंथी और अप्रवासी-विरोधी समूहों ने सोशल मीडिया पर फैलाई थी, जिसके बाद यह भीड़ इकट्ठा हुई और हिंसा भड़क उठी।

हमले की क्रूरता: पीटा, ब्लेड मारा और कपड़े उतारे

इस घटना की प्रत्यक्षदर्शी एक स्थानीय आयरिश महिला ने जो बताया, वह बेहद चौंकाने वाला और दिल दहला देने वाला था। उन्होंने अपनी आंखों से देखा कि करीब 13 लोग, जिनमें एक महिला भी थी, भारतीय नागरिक को घेरकर मार रहे थे। उन्होंने बताया कि हमलावरों ने उसके सभी कपड़े उतार दिए और वह पूरी तरह खून से लथपथ हो गया। महिला ने बताया कि हमलावरों ने हाथों में ब्लेड बांध रखे थे, जिससे व्यक्ति के सिर और शरीर पर कई गहरे घाव हो गए। यह एक अत्यधिक हिंसक और अमानवीय हमला था।

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नस्लभेद की बहस को फिर हवा

यह कोई पहली घटना नहीं है। इस हमले ने आयरलैंड में नस्लभेद और अप्रवासी-विरोधी सोच को लेकर चल रही बहस को फिर से ज़िंदा कर दिया है। स्थानीय लोगों और गवाहों का कहना है कि पिछले चार दिनों में ऐसे ही चार और भारतीयों पर हमले हुए हैं। हमलावरों को किशोर गिरोहों से जुड़ा बताया जा रहा है, जो जागरूक रूप से भारतीय नागरिकों को निशाना बना रहे हैं।

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पुलिस जांच और इंसानियत की मिसाल

घायल व्यक्ति को 19 जुलाई की शाम को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद 20 जुलाई को उसे छुट्टी दे दी गई। पुलिस ने इस घटना को "हेट क्राइम" यानी नफरत पर आधारित अपराध मानकर जांच शुरू कर दी है। जिस महिला ने पूरी घटना अपनी आंखों से देखी, उन्होंने इंसानियत की एक मिसाल पेश की। उन्होंने घायल व्यक्ति को कंबल दिया, पुलिस को जानकारी दी और अपनी गवाही भी दी। उनकी बातों ने पूरे मामले को सही दिशा दी है।

भावुक होते हुए उन्होंने कहा,"वह आदमी खुद को लेकर इतना शर्मिंदा था, जैसे समझ नहीं पा रहा था कि उसके साथ ऐसा क्यों हो रहा है। मैंने जो मदद की, वह किसी के साथ भी हो सकती थी।"

आयरिश न्याय मंत्री जिम ओ’कैलाघन ने इस घटना पर बयान दिया और साफ कहा कि यह धारणा गलत है कि आप्रवासी ज़्यादातर अपराधों के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने बताया कि जब जेलों के आंकड़े मंगवाए गए, तो पता चला कि जेलों में बंद आप्रवासियों की संख्या समाज में उनकी कुल आबादी से भी कम है। इससे साबित होता है कि अफवाहें, नस्लीय पूर्वाग्रह और सोशल मीडिया पर फैलाई गई झूठी बातें ही इस तरह की हिंसा को जन्म देती हैं।


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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