International Nurses Day: जान हथेली पर रखकर टूटती सांसों को बचाने वाली नर्सों को हमारा सलाम
punjabkesari.in Thursday, May 12, 2022 - 11:21 AM (IST)
नर्स हमारी धरती को स्वस्थ बनाए रखने में अहम भूमिका अदा करती हैं और उनका समर्पण तथा उनकी करुणा अनुकरणीय है... देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर यह बात कही। आज पूरी दुनिया उन सभी नर्सों को सलाम कर रही है, जिन्होंने संकटकाल में खुद को कोरोना योद्धा के तौर पर झोंक दिया था। खुद अपनी जान हथेली पर रखकर टूटती सांसों को बचाने के लिए आगे आई इन नर्सों के योगदान को कोई नहीं भूला सकता है। कहा जाता है कि नर्स की भूमिका एक मां से कम नहीं होती है, तभी तो मदर्स डे के कुछ दिन बाद ही नर्स डे मनाया जाता है। चलिए इस खास मौके पर जानते हैं नर्स दिवस के पिछे की पूरी कहानी
अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस का इतिहास
आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म आज यानी 12 मई को हुआ था। उन्हे नर्सिंग की जननी कहा जाता था, तभी उनके जन्मदिवस के खास मौके पर ही इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई थी। इस दिन को पहली बार सेलिब्रेट करने की घोषणा जनवरी सन 1965 में, इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स की गई थी। अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के खास दिन पर इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स द्वारा नर्सों को उनके काम के इस्तेमाल होने वाली चीजों की किट भी बांटी जाती है।
ये है इस साल की थीम
हर साल अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने के लिए एक थीम रखी जाती है। इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेस की ओर से इस बार इंटरनेशनल नर्सेस डे 2022 की थीम है. ‘नर्सेस : ए वॉयस टू लीड- इन्वेस्ट इन नर्सिंग एंड रिस्पेक्ट राइट्स टू सिक्योर ग्लोबल हेल्थ’ इसका अर्थ है कि ‘नर्सेस: नेतृत्व के लिए एक आवाज – नर्सिंग में निवेश करें और ग्लोबल हेल्थ को सुरक्षित रखने के अधिकारों का सम्मान करें.’। वहीं कई अस्पतालों में इस विषय को लेकर चर्चाओं का आयोजन भी किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने का उद्देश्य
जैसे कि सभी जानते हैं कि एक नर्स अपनी पूरी मेहनत, लगन, अनुभव और ज्ञान से मरीजों का ख्याल रखती है। उनकी देखभाल में कोई भी कसर नहीं छोड़ती है। हम ऐसा भी कह सकते हैं कि नर्स के बिना स्वास्थ्य सेवाएं एक तरह से अधूरी है। मरीजों की देखभाल करने के लिए डॉक्टर की तरह नर्स भी विशेष प्रशिक्षण लेती है। फिर भी आमतौर डॉक्टरों के आगे नर्सों को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता है। मगर एक रोगी के ठीक होने में नर्सों का भी उतना ही योगदान होता है, जिसे हमें भूलना नहीं चाहिए। ऐसे में नर्सों के काम को समझना, समाज में ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस काम के प्रति उत्साहित करना व सम्मान देना ही इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य है।
इस तरह मनाते हैं यह दिन
इस दिन को मनाने के लिए विभिन्न अस्पतालों में नर्सों को उनके काम के प्रति प्रोत्साहित करते हुए उनका धन्यवाद किया जाता है। कई शहरों पर नर्सों के लिए खास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। बीते साल की तरह इस साल भी इस खास दिन को सेलिब्रेट करने के लिए ऑनलाइन कार्यक्रम रखें गए है। साथ ही कई कार्यक्रमों में बहुत सी नर्स कोरोना काल से संबंधी अपने अनुभव को सभी के साथ साझा करेंगी। इसके साथ ही स्वास्थ्य पर आधारित स्वस्थ परिचर्चाओं का भी आयोजन किया जाएगा।