Budget 2024: बैग में ही क्यों लाया जाता है बजट? आपको नहीं पता होंगी इससे जुड़ी दिलचस्प बातें
punjabkesari.in Thursday, Feb 01, 2024 - 10:26 AM (IST)
अब बस कुछ ही घंटों में साल 2024- 2025 का बजट पेश होने वाला है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण Ministry of Finance के ऑफिस पर पहुंची हैं। इसके कुछ समय बाद वो राष्ट्रपति भवन जाकर बजट पेश करेंगी। जैसा कि हम जानते हैं कि बजट में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की प्राप्तियों और खर्चों के बारे में डिटेल में ब्योरा होता है। इसके आलवा निवेश, टैक्स नीतियां और इस बार महिलाओं की सुविधा के लिए खास नियम लाएं जाने की उम्मीद है। लेकिन बजट में सिर्फ इतना ही नहीं है। बजट से जुड़ी बहुत से बातें हैं जो कम लोगों को पता है। जैसे की बजट के लिए छोटा बैग क्यों लाया जाता है? पहला बजट इंग्लिश में ही क्यों पेश होता है, जबकि भारतीय हिंदी में बात करते हैं। ऐसे ही बजट से जुड़ी अनोखी अनसुनी बातें चलिए आपको बताते हैं।
बैग में क्यों लाया जाता है बजट
आपने हमेशा देखा होहा कि वित्त मंत्री बजट को एक छोटे बिग में लेकर आते हैं, जिसे बजट बैग कहा जाता है। असल में इसकी शुरुआत इसके नाम से हुई है। बजट शब्द की उत्पति फ्रांसीसी शब्द बौगेट से हुई है, जिसका मतलब एक छोटा बैग होता है। इसका वजह से बैग में इसे लाने की प्रथा शुरू हो गई।
आजादी से पहले ही आ गया था भारत का बजट
जी हां, देश का आजादी से पहले ही भारत का बजट पेश किया जा चुका था। भारत का पहला बजट 8 फरवरी 1869 को जेम्स विल्सन द्वारा पेश किया गया था, जबकि ईस्ट कंपनी ने 7 अप्रैल 1860 को भारतीय बजट का विचार पेश किया था। इसलिए अगर आप ये सोच रहे हैं कि आजाद भारत के बाद ही बजट को पेश किया गया हो, तो ऐसा नहीं है।
सिर्फ इंग्लिश में ही होता है बजट
भारत के आजादी होने के बाद भी इसके बजट को कई साल तक सिर्फ इंग्लिश में ही लाया जाता रहा था। बाद में 1955- 56 में सरकार ने इस नियम में बदलाव किया और बजट को दो भाषाओं अंग्रेजी और हिंदी में छापने का फैसला किया।
लीक भी हो चुका है बजट
वैसे तो बजट को काफी secretive तरीके से रखा जाता है, पर आपको जानकर हैरानी होगी कि ये एक बार लीक भी हो चुका है। साल 1950 में बजट के कागजात राष्ट्रपति भवन में छपे थे। इसके बाद मुद्रण प्रक्रिया को नई दिल्ली में मिंटो रोड और बाद में 1980 में सच्वालय भवन के नॉर्थ ब्लॉक में सरकारी प्रेस में भेज दिया गया था।
ये था सबसे छोटा बजट
बजट के भाषण बहुत लंबे होते हैं और काफी बोरिंग लगते हैं। आमतौर पर ये 2 घंटे का होता है, लेकिन साल 1977 में अब तक का सबसे छोटा बजट पेश किया गया था। उस समय के वित्त मंत्री एचएम पटेल ने महज 800 शब्द के साथ अंतरिम बजट को पेश किया था। वहीं, अब तक का सबसे लंबा बजट 2021 का था, जिसमें 2 घंटे 40 मिनट तक चला था। इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया था।