भारत का एकमात्र मंदिर जो मिटाए राहु-केतु दोष, एक बार जरूर करें दर्शन, जानिए कहां है यह मंदिर

punjabkesari.in Monday, Jun 09, 2025 - 04:29 PM (IST)

नारी डेस्क: जिन लोगों की कुंडली में राहु और केतु ग्रह का अशुभ प्रभाव होता है उनका जीवन कई कष्टों और परेशानियों से भर जाता है। ऐसे जातकों को मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, शारीरिक समस्याएं और पारिवारिक कलह जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में यह भी कहा गया है कि राहु और केतु के दोष के कारण कालसर्प दोष बनता है, जो जीवन में बड़े संघर्षों और मुश्किलों को लेकर आता है।

कालसर्प दोष और उसके प्रभाव

कालसर्प दोष के कारण जातक को जीवन में कई बार अवरोध और परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। ऐसे में ज्योतिषीय उपाय करना बहुत जरूरी हो जाता है ताकि इन बुरी प्रभावों से मुक्ति मिल सके और जीवन सुखमय बन सके।

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ज्योतिषीय उपाय और श्री कालहस्ती मंदिर का महत्व

राहु-केतु दोष को दूर करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं, जिनमें से एक है आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध श्री कालहस्ती मंदिर में जाकर पूजा करना। इस मंदिर को राहु-केतु मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहां विशेष रूप से राहु और केतु की पूजा की जाती है, जिससे जातकों को दोषों से छुटकारा मिलता है।

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श्री कालहस्ती मंदिर की विशेषताएं

यह मंदिर दक्षिण के पंचतत्व लिंगों में वायु तत्त्व लिंग माना जाता है। मंदिर के पुजारियों को यहां शिवलिंग के स्पर्श की अनुमति नहीं होती। शिवलिंग के पास स्वर्ण पट्ट स्थापित है, जिस पर फूल-माला चढ़ाई जाती है। मान्यता है कि इस स्थान पर ही महाभारत के योद्धा अर्जुन ने प्रभु कालहस्ती वर के दर्शन किए थे। मंदिर में लगभग 4 फीट ऊंचा शिवलिंग स्थापित है।

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मंदिर का शिखर दक्षिण भारतीय स्थापत्य शैली में बना हुआ है।यहां तीन भव्य गोपुरम हैं, और सौ स्तंभों वाला मंडप है, जो स्थापत्य कला की खूबसूरती दर्शाता है। मंदिर परिसर में कई शिवलिंग स्थापित हैं। श्री कालहस्ती मंदिर की वार्षिक आय लगभग 100 करोड़ से अधिक बताई जाती है।

श्री कालहस्ती मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है। यह पेन्नार नदी की शाखा स्वर्णमुखी नदी के तट के पास है। इस मंदिर में पूजा-अर्चना करके और ज्योतिषीय उपाय करके राहु-केतु के बुरे प्रभावों से निजात पाई जा सकती है, जिससे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।


 


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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