बच्चों के लिए जरुरी है Family का प्यार, बुजुर्गों की सीख देगी जीवन जीने की नई दिशा

punjabkesari.in Monday, May 15, 2023 - 01:09 PM (IST)

बच्चे दिल के बहुत ही साफ होते हैं उन्हें जिस दिशा में भी मोड़ो वो आसानी से उसमें मुड़ जाते हैं। लेकिन परिवार के साथ उनका एक अलग ही लगाव होता है। खासकर यदि बच्चों को परिवार के साथ घुलेंगे मिलेंगे तो बड़े बुजुर्ग उन्हें जिंदगी जीने की अलग दिशा सिखा पाएंगे। परंतु आज के समय में बच्चे न्यूक्लियर फैमिली में ही रहना पसंद करते हैं जिसके चलते वह परिवार का महत्व बिल्कुल भी नहीं समझ पाते। ऐसे में सभी को परिवार की अहमियत बताने के लिए हर साल 15 मई को अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर आपको आज बताएंगे कि यदि बच्चे परिवार के साथ जुड़ेंगे तो उन्हें क्या-क्या फायदे होंगे...

नहीं महसूस होगा अकेलापन 

परिवार जितना बड़ा होगा बच्चे उतना ही अकेलेपन से दूर रह पाएंगे। अगर पैरेंट्स वर्किंग तो बच्चे स्कूल से घर आने पर अपने परिवार के बाकी सदस्यों के साथ समय बिता सकते हैं। इस तरह उनकी अपने परिवार से भी अच्छी बॉन्डिंग बनती है और उनमें संस्कार, अच्छी बातें और फैमिली वैल्यूज सिख पाएंगे। बच्चे बड़ों का आदर करना, छोटों से प्यार और उनके साथ चीजें शेयर करने जैसी अच्छे बातें भी सिख सकते हैं। 

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सिखेंगे कई अच्छी बातें 

यदि बच्चे परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताते हैं तो वह उनके साथ नई-नई बातें सिख पाएंगे। इस तरह बच्चे अपनी बातें और फीलिंग्स भी उनके साथ खुलकर शेयर कर पाएंगे। घर पर यदि बड़े-बुजुर्ग हों तो बच्चे पूरी तरह से सुरक्षित रहते हैं और उनके साथ क्वालिटी टाइम स्पैंड करके बच्चे काफी कुछ भी सीखते हैं। 

मिलेगी पुरानी परंपराओं और रीति-रिवाजों की जानकारी 

आजकल के बच्चे अपनी परंपराओं, संस्कारों और रीति-रिवाजों से दूर होते जा रहे हैं जिसके सबसे बड़ा कारण यह है कि वह एक छोटे परिवार में रहते हैं। घर में बड़े-बुजर्ग न होने के कारण वह पुरानी चीजों को मानते भी नहीं हैं और उन्हें बिल्कुल मानते भी नहीं हैं। लेकिन यदि उनके घर में बड़े-बुजुर्ग होंगे तो बच्चे उनके रीति-रिवाजों को जान पाएंगे। उन्हें यह भी पता चल पाएगा कि त्योहार क्यों मनाया जाता है। इसके अलावा परिवार बच्चे अपने परिवार के करीब भी आ पाएंगे। 

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बच्चे सीख पाएंगे धैर्य 

बच्चे गुस्सैल बहुत होते हैं खासकर आजकल के बच्चों में तो धैर्य बिल्कुल भी नहीं होता। परंतु यदि आपके बच्चे अपने बड़े बुजुर्गों के साथ रहेंगे तो वह सब्र सिख पाएंगे। उन्हें यह समझ आएगा कि चीजों को निंयत्रित कैसे करना है। बुजुर्गों के साथ जुड़कर बच्चे अपने गुस्से पर काबू करना भी सिख पाएंगे। 

सिखेंगे अच्छी बातें 

मां-बाप के साथ घर के बुजुर्ग भी बच्चों को अच्छी शिक्षा देते हैं। खासकर दादा-दादी का बच्चों से अलग ही लगाव होता है। वह अपने एक्सपीरियंस से बच्चों को बातें बहुत ही नरम और साधारण तरीके से उन्हें जीवन की शिक्षा दे देंगे। अपने जीवन में अनुभवों के आधार पर वह बच्चों के उनके जीवन में मार्गदर्शन करने में भी मदद कर सकते हैं। ऐसे में अपने दादा-दादी के साथ रहकर बच्चे अच्छी बातें सिख पाएंगे। 

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palak

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